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संयुक्त राष्ट्र में चीन बना आतंकी हाफिज के बेटे की ढाल, कौन है हाफिज सईद का बेटा?

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चीन एक बार फिर से भारत के खिलाफ हमले कर रहे पाकिस्‍तानी आतंकवादियों के लिए ढाल बन गया है। चीन ने मुंबई हमले को अंजाम देने वाले आतंकी संगठन लश्‍कर-ए-तैयबा के संस्‍थापक हाफिज सईद के बेटे हाफिज तलहा सईद को संयुक्‍त राष्‍ट्र की ओर से प्रतिबंधित किए जाने के प्रस्‍ताव को रोक दिया है।

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इस प्रस्‍ताव को अमेरिका और भारत ने संयुक्‍त रूप से पेश किया था। चीन ने मात्र 2 दिनों के अंदर दूसरी बार पाकिस्‍तान में रह रहे आतंकियों को एक वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने के भारत और अमेरिका के प्रस्‍ताव को रोका है। चलिए आपको बताते हैं कि कौन यह तलहा सईद और किन-किन घटनाओं में शामिल रह चुका है।

लश्‍कर संस्‍थापक हाफिज सईद का बेटा हाफिज तलहा सईद एक कुख्‍यात आतंकी है और पाकिस्‍तान में रहकर वह अपनी आतंक‍वादी गतिविधियों को अंजाम देता है। तलहा सईद 46 साल का है और उसके खिलाफ भारत के गृह मंत्रालय ने अप्रैल महीने में एक नोटिफ‍िकेशन जारी किया था।

इसमें कहा गया था कि हाफिज तलहा सईद बड़े पैमाने पर आतंकियों की भर्ती करने, फंड इकट्ठा करने और भारत तथा अफगानिस्‍तान में भारतीय हितों के खिलाफ आतंकी हमले करने की योजना बनाने और उसे अंजाम देने की पूरी प्रक्रिया में शामिल था।

गृह मंत्रालय के मुताबिक तलहा सईद अपने पिता के ‘कैद’ में जाने के बाद से ही पूरे पाकिस्‍तान में लश्‍कर के सभी ठिकानों पर सक्रिय रूप से जाता रहता था। इन जगहों पर वह भारत, इजरायल, अमेरिका और पश्चिमी देशों में भारतीय हितों के खिलाफ जिहाद के लिए तकरीर करता था।

हाफिज तलहा सईद लश्‍कर का एक वरिष्‍ठ नेता है और इस आतंकी संगठन के धर्मगुरुओं की शाखा का प्रमुख है। इससे पहले चीन ने लश्‍कर के ही एक आतंकी शाहिद महमूद को भी वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने के प्रस्‍ताव को ब्‍लॉक कर दिया था।

चीन ने महमूद को आतंकी घोषित करने के प्रस्‍ताव को भले ही ब्‍लॉक कर दिया हो लेकिन अमेरिका ने साल 2016 में ही उसके खिलाफ प्रतिबंध लगाए हैं। अमेरिका के मुताबिक महमूद कराची में रहता है और साल 2007 से ही लश्‍कर से जुड़ा हुआ है। वह लश्‍कर के चंदा जुटाने वाले संगठन फलाह-ए-इंसानियत का वाइस चेयरमैन था।

साल 2014 में महमूद कराची के एफआईएफ का लीडर था। महमूद इससे पहले सज्‍जाद मीर की ओर से विदेशों में चलाए जा रहे लश्‍कर के अभियानों का नेतृत्‍व करता था। महमूद को बांग्‍लादेश और म्‍यांमार के इस्‍लामिक संगठनों से रिश्‍ते मजबूत करने की जिम्‍मेदारी दी गई थी। महमूद ने दावा किया था कि लश्‍कर का मुख्‍य लक्ष्‍य भारत और अमेरिका में हमले करना है।

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