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अशरफ गनी ने बताया अफगानिस्तान छोड़कर क्यों भागे थे ?

Ashraf Ghani/ Facebook

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अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अपने देश छोड़ने के फैसले को सही बताया है। बीबीसी को दिए इंनटरव्यू में उन्होंने बताया कि 15 अगस्त की सुबह जब वो उठे, तब उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि इस धरती पर वो इनका आखिरी दिन है। लेकिन जब उनका विमान काबुल से उड़ा, तब उन्हें इस बात का अहसास हुआ।

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इसी साल अगस्त मे तालिबान ने अफगानिस्तान पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया था। उस दौरान तत्कालीन राष्ट्रपति अशरफ गनी को देश छोड़ने के लिए काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। अपने देश छोड़ने के फैसले को सही बताते हुए अशरफ गनी ने इंटरव्यू में बताया कि ये निर्णय उन्होंने देश को बचाने के लिए किया।

इंटरव्यू के दौरान अशरफ गनी ने बताया कि तालिबान ने इस बात पर सहमति जताई थी कि वो काबुल पर कब्जा नहीं करेंगे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। अशरफ़ ग़नी के अनुसार वे अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और उनकी पत्नी के काबुल छोड़ने पर सहमत हुए थे और रक्षा मंत्रालय जाने के लिए कार का इंतज़ार कर रहे थे लेकिन वो कार कभी नहीं आई।

अशरफ गनी ने आगे बताया कि राष्ट्रपति की सुरक्षा के प्रमुख उनके पास घबराए हुए आए और कहा कि उनके पास काफी कम समय बचा हुआ है। तब उन्होंने खोस्त जाने की बात कही। तो उन्हें बताया गया कि खोस्त और जलालाबाद पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है।

पूर्व राष्ट्रपति आगे बताते हैं कि उस वक्त उन्हें समझ नहीं आया कि वो कहां जाएंगे। लेकिन जब उनका विमान उड़ा तब उन्हें पता चला कि वो अफगानिस्तान छोड़कर जा रहे हैं।

पैसे के लिए नहीं छोड़ा देश

अशरफ गनी ने उन पर पैसा लेकर देश छोड़कर भागने के आरोपो से भी इनकार किया। अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हुए तीन महीने का वक्त बीत चुका है, इस पर अशरफ गनी कहते हैं कि वे सारी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं जिसके कारण अफगानिस्तान हाथ से निकल गया।

उन्होंने कहा कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर भरोसा किया था। हालांकि वो कहते हैं कि उनका जीवन अब तबाह हो चुका है और उन्हें बली का बकरा बनाया गया।

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