तालिबान ने 15 से 45 की उम्र की सभी लड़कियों और औरतों की लिस्ट मांगी, आतंकी लड़ाकों से शादी कराने की योजना
काबुल। अफगानिस्तान। जहां अफगानिस्तान में तालिबानियों की बर्बरता जारी है, लगातार भयावह खबरें और तस्वीरें आ रही हैं, वहीं दिल बैठा देने वाली एक और ख़बर आई है। तालिबानियों ने वहां के मौलवियों से 15 से अधिक उम्र की सभी लड़कियों और 45 से कम उम्र की विधवाओं की सूची मांगी है। ताकि उनका निकाह वो अपने लड़ाकों के साथ करा सके।
महिलाओं के शोषण की तैयारी
यू.के. के एक अख़बार, ‘द सन’ में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान ने कहा है कि “वह अपने लड़ाकों से इन महिलाओं का निकाह करवाएगा और उसके बाद उन्हें उन लड़ाकों के साथ पाकिस्तान के वजीरिस्तान में भेज देगा। यही नहीं, सभी गैर-मुस्लिम लड़कियों का धर्म परिवर्तन भी करवाया जाएगा।” सच बात तो ये है कि निकाह के नाम पर तालिबान इन महिलाओं का यौन उत्पीड़न करना चाहता है, उन्हें दासता की जंजीरों में बांधना चाहता है।
विदेशी सेनाओं के जाने का तालिबान उठा रहा फायदा
अफगानिस्तान में मौजूद अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों के सैनिक अफगानिस्तान छोड़ कर जा रहे हैं। जिससे तालिबानियों पर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं रह गया है और इसी बात का फायदा उठा कर तालिबानियों ने हमले तेज कर दिए हैं। तालिबान ने लगभग पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है।
अफगानिस्तान में शरिया कानून लागू
तालिबानियों ने अपने कब्जे वाले क्षेत्रों में शरिया का कानून लागू कर दिया है। जिसमें स्मोकिंग, दाढ़ी काटना और महिलाओं का घर से अकेले निकलना बैन कर दिया गया है।
जानें क्या है शरिया कानून?
शरिया कानून नियमों का एक समूह है। जिसके द्वारा पूरी दुनिया के इस्लामिक समाज को संचालित किया जाता है। इसमें सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से जीवन जीने के तरीकों को विस्तार से बताया गया है। वैसे देखा जाए तो हर धर्म के अपने नियम और कायदे-कानून होते हैं। हर धर्म के अपने रहन-सहन, तौर-तरीके होते हैं, उसी तरह से मुस्लिम समुदाय के लिए बना कानून ‘शरिया कानून’ कहलाता है।
इस कानून का प्रभाव मुसलमानों के घरेलू जीवन, राजनैतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन पर भी पड़ता है।
*वजीरिस्तान- वजीरिस्तान पाकिस्तान का एक प्रांत है, जिसने स्वयं को स्वतंत्र घोषित कर रखा है।