रक्षा मंत्री ने दिया बड़ा बयान- कहा मैं भी सेना में जाना चाहता था, वर्दी में कुछ तो खास है
देश के रक्षामंत्री (Raj Nath Singh) ने कुछ ऐसा कहा कि जिसे आपको जरूर जानना चाहिए आपको बता दें कि मिली जानकारी के हिसाब से देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि वह सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना चहाते थे। उनके मुताबिक वो अपनी पारिवारिक दिक्कतों की वजह से वह ऐसा नहीं कर पाए हैं। राजनाथ सिंह ने बताया कि उन्होंने सैन्य बलों में शामिल होने के लिए परीक्षा भी दी थी।
रक्षा मंत्री ने कहीं बड़ी बातें
उन्होंने कहा कि ,‘‘मैं अपने बचपन की एक कहानी बताना चाहता हूं। मैं भी सेना में शामिल होना चाहता था और मैंने एक बार ‘शार्ट सर्विस कमीशन’ की परीक्षा में भी बैठा था। मैंने लिखित परीक्षा दी थी, लेकिन मेरे पिता का निधन हो जाने और कुछ अन्य पारिवारिक समस्याओं के कारण मैं सेना में शामिल नहीं हो पाया.’’ इसी दौरान बोले, इस वर्दी में कुछ बात है
राजनाथ सिंह ने इसी कड़ी में ये भी कहा, ‘‘यदि आप किसी बच्चे को सेना की वर्दी देते हैं, तो आप देखेंगे कि उसका व्यक्तित्व ही बदल जाता है। इस वर्दी में कुछ बात है.’’ आपको बतादें कि मंत्रीपुखरी में असम राइफल्स (दक्षिण) के महानिरीक्षक के मुख्यालय के दौरे के समय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे भी सिंह के साथ थे। सिंह ने मुख्यालय में सैन्य बलों से मुलाकात की राजनाथ सिंह ने भारत-चीन गतिरोध के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा दिखाए गए शौर्य को याद किया। उन्हों ये भी बताया कि‘‘जब भारत-चीन गतिरोध जारी था, तब आपके पास शायद विस्तार से जानकारी नहीं होगी, लेकिन मैं उस समय के सेना प्रमुख हमारे जवानों के साहस एवं बहादुरी से अवगत था, हमारा देश आपका सदैव ऋणी रहेगा।
’’ राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘मैं जहां कहीं भी जाता हूं, मैं सुनिश्चित करता हूं कि मैं सैन्यकर्मियों से मुलाकात करूं. जब मेरे मणिपुर दौरे की योजना बनी थी, तब मैंने (सेना प्रमुख) पांडे जी से कहा था कि मैं असम राइफल्स और 57वीं माउंटेन डिवीजन के कर्मियों से मिलना चाहता हूं.’’ उन्होंने कहा कि सैन्य कर्मियों से मिलकर उन्हें गौरव की अनुभूति होती है।
उनके भाषण का मुख्य भाग
‘‘चिकित्सक, इंजीनियर और चार्टर्ड अकाउंटेंड किसी न किसी तरीके से देश के लिए योगदान दे रहे हैं, लेकिन मेरा मानना है कि आपका पेशा एक पेशे से बढ़कर सेवा है.’’ उन्होंने कहा कि असम राइफल्स कई लोगों को मुख्यधारा में लाने में अहम भूमिका निभाता है और इसे पूर्वोत्तर का प्रहरी कहना उचित है। सिंह मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर आए हैं।