सरकार ने अवैध इंटरनेट उपयोग को रोकने के उद्देश्य से टेलीकॉम कंपनियों और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को जागरूक किया है और उन्हें वाई-फाई हॉटस्पॉट के माध्यम से इंटरनेट उपयोग करने वाले लोगों का डेटा रिकॉर्ड करने के लिए कहा है। यह निर्देश उन लोगों की पहचान करने के लिए दिए जा रहे हैं जो वाई-फाई हॉटस्पॉट का इस्तेमाल छात्रावास, स्टडी सेंटर, पुस्तकालय और अन्य जगहों पर कर रहे हैं।
टेलीकॉम कंपनियों के पास वर्तमान में ऐसे उपयोगकर्ताओं का कोई डेटा नहीं है, लेकिन सरकार चाहती है कि इंटरनेट का इस्तेमाल जो व्यक्तिगत ब्रॉडबैंड कनेक्शन का उपयोग कर रहे हैं, उनकी पहचान हो ताकि इसे संविधानिक रूप से ट्रैक किया जा सके।
यह निर्देश तब दिए गए है जब टेलीकॉम कंपनियों को डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम्युनिकेशन (DoT) ने दर्ज कराया कि व्यक्तिगत ब्रॉडबैंड कनेक्शन्स बिजनेस उद्देश्यों के लिए उपयोग कर रहे हैं। यानी कई स्थानों पर इंटरनेट का व्यवसायिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल हो रहा है, जैसे कि छात्रावास, पढ़ाई केंद्र और अन्य संगठन।
DoT ने टेलीकॉम कंपनियों से उपयोगकर्ताओं के इंटरनेट प्रोटोकॉल विवरण रिकॉर्ड और उनकी पहचान के लिए एक साथ काम करने का सुझाव दिया है, ताकि जरूरत पड़ने पर इस डेटा का इस्तेमाल सुरक्षित तरीके से किया जा सके।
इसके अलावा सरकार ने प्रधानमंत्री वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (PM-WANI) हॉटस्पॉट स्टैक को लागू करने की सलाह दी है, जिससे वाई-फाई हॉटस्पॉट का इस्तमाल सही तरह से हो सके।
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