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पेगासस कांड के बाद इजराइल अब 37 देशों को ही देगा साइबर टेक्नोलॉजी

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नई दिल्ली: इज़राइल की सरकार ने फैसला लिया है कि अब वो करीबन 65 देशों को साइबर टेक्नोलॉजी नहीं बेचेगा। इन देशों की लिस्ट में भारत को शामिल नहीं किया गया है।

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इन देशों की लिस्ट में भारत नहीं शामिल

गौरतलब है कि इजराइल पिछले साल तक दुनिया के करीबन 102 देशों को साइबर टेक्नोलॉजी बेचता था। अब इसमें सिर्फ 37 देश ही रह गए हैं। इज़राइल का कहना है कि उसने उन देसों को लिस्ट से बाहर किया है जिनकी मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर आलोचना होती रहती है। हालांकि, इस लिस्ट से सऊदी अरब और मैक्सिको को नहीं हटाने पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। सऊदी अरब पर वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के आरोप लगते रहे हैं। दूसरी तरफ , संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और मोरक्को जैसे देशों को साइबर टेक्नोलॉजी न बेचने का फैसला लिया गया है।

दुनियाभर में इजराइल की आलोचना

पेगासस जासूसी कांड के खुलासे के बाद दुनियाभर में इजराइल की आलोचना हो रही है। बीते बुधवार को टेक कंपनी एपल ने पेगासस बनाने वाली इजरायली कंपनी NSO पर मुकदमा किया था। एपल ने कहा था कि यह कंपनी एक अरब से ज्यादा iPhone को निशाना बना रही है। एपल का कहना है कि दुनियाभर में 1.65 अरब एक्टिव एपल डिवाइसेज हैं, जिसमें से 1 अरब से ज्यादा iPhones हैं।

पेगासस स्पाइवेयर पिछले काफी समय से भारत समेत कई देशों में विवादों में

NSO पर पहले से भी कई मुकदमे चल रहे हैं। कंपनी का पेगासस स्पाइवेयर पिछले काफी समय से भारत समेत कई देशों में विवादों में है। कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि इजराइली स्पाइवेयर के जरिए हजारों की संख्या में एक्टिविस्ट, जर्नलिस्ट और राजनेताओं की जासूसी की गई है।

अमेरिकी प्रशासन ने कुछ हफ्ते पहले ही NSO को ब्लैकलिस्ट किया है। अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि NSO विदेशी सरकारों के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। कैलिफॉर्निया के फेडरल कोर्ट में एपल ने बयान दिया है कि अपने यूजर्स को हानि से बचाने के लिए एपल NSO ग्रुप पर स्थायी बैन चाहता है ताकि वह एपल के सॉफ्टवेयर, सर्विस और डिवाइसेज को किसी तरह इस्तेमाल न कर सके।

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