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Independence Day 2021: आज़ादी के 75वें साल का ज़श्न मनाएं, तिरंगा फहराएं, मगर ध्यान से… भारतीय ध्वज संहिता-2002’ के तहत हो सकती है सजा

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नई दिल्ली: 1947 में भारत की आज़ादी के बाद से ही लाल किले से लेकर, स्कूल कॉलेज और लोग अपने घर की छतों पर तिरंगा झंडा फहराते हैं। वर्ष 2021 हमारी आज़ादी का 75वां साल है, इसलिए ये स्वतंत्रता दिवस कुछ ख़ास है। अगर आप भी इस बार ध्वजारोहण करने की सोच रहे हैं तो उससे पहले जान लें ध्वजारोहण के कुछ ख़ास नियम ताकि गलती से भी हमारे तिरंगे की गरिमा भंग न हो। वो तिरंगा जो हमारे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है जो हमारे हौसलों के संवर्धन में सहायक है उसका सम्मान करना हमारा सर्वोपरि धर्म है।

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भारतीय ध्वज संहिता-2002

26 जनवरी 2002 को हमारे मार्गदर्शन और हितों को ध्यान में रखते हुए भारतीय संविधान में एक आर्टिकल ‘भारतीय ध्वज संहिता-2002’ को जोड़ा गया, जिसमें ध्वजारोहण संबंधित नियमों, रिवाजों, औपचारिकताओं और निर्देशों को शामिल किया गया है।

आइये जानते हैं कौन से हैं ये नियम….

  1. ध्वजारोहण के समय तिरंगे को सम्मानपूर्ण स्थान दिया जाए। उसे ऐसी जगह लगाया जाए, जहां से वह स्पष्ट रूप से दिखाई दे सके।
  2. तिरंगा हमेशा सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच में ही फहराया जाता है, किन्तु सरकारी भवनों और इमारतों पर रविवार या अन्य छुट्टियों के दिनों में भी सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जा सकता है। इसके अलावा कुछ विशेष अवसरों पर भी इसे रात में फहराया जा सकता है।
  3. तिरंगे को हमेशा स्फूर्ति से फहराना चाहिए और धीरे-धीरे आदर के साथ उतारना चाहिए। झंडा फहराते और उतारते समय बिगुल बजाना आवश्यक है।
  4. तिरंगे को कभी झुकाया नहीं जाता, न ही जमीन पर रखा जाता है। किन्तु राष्ट्रीय शोक के अवसर पर सरकारी आदेश के बाद उसे आधा झुकाया जा सकता है।
  5. फटा या मैला तिरंगा नहीं फहराना चाहिए। यदि किसी कारणवश झंडा फट जाए या मैला हो जाए तो उसे एकांत में ले जाकर पूरे सम्मान के साथ आग में जला दें, जल-समाधि दे दें या अन्य किसी ऐसे तरीके से नष्ट कर दें, जिससे उसकी गरिमा बनी रहे।
  6. तिरंगे पर कुछ भी लिखा या छपा नहीं होना चाहिए।
  7. किसी दूसरे झंडे या पताके को तिरंगे से ऊंचा, ऊपर या बराबर में नहीं लगाना चाहिए। तिरंगे को हमेशा सबसे ऊंची जगह पर फहराना चाहिए।
  8. लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 का होना चाहिए। इसका आकार हमेशा आयताकार ही होना चाहिए।
  9. तिरंगा कॉटन, सिल्क या फिर खादी के कपड़े का ही बना होना चाहिए। तिरंगे से कपड़े बनाकर पहनना गलत है। उसका रुमाल या कुशन आदि बनाकर इस्तेमाल करना भी तिरंगे का अपमान है।
  10. तिरंगे को उल्टा नहीं फहराना चाहिए, हरा रंग नीचे और केसरिया ऊपर की ओर होना चाहिए।
  11. इसका इस्तेमाल किसी कार्यक्रम में मेज को ढकने या मंच सजाने में नहीं करना चाहिए।

अपमान करने पर सजा का प्रावधान

अपमान करने पर सजा का प्रावधान झंडे के किसी भी भाग को जलाने, नुकसान पहुंचाने, मौखिक, शाब्दिक या किसी भी तरीके से इसका अपमान करने पर एक से तीन साल तक की कैद या ज़ुर्माना, या फिर दोनों हो सकते हैं

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