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केजरीवाल सरकार और मोदी सरकार के झगड़े में दिल्ली की जनता राशन से वंचित – चौ0 अनिल कुमार

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नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा यह घोषणा की कि दिल्ली सरकार अब दिल्ली के गरीब और मजदूर वर्ग के लोगों को घर-घर राशन योजना के तहत मुफ्त राशन नही देगी, गैर जिम्मेदाराना है। उन्होंने कहा कि संकट के समय में सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वह गरीब और मजबूरों को उनके खाने की व्यवस्था करें, परंतु केजरीवाल सरकार केवल प्रचार के लिए ही घोषणा करती है।

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दिल्ली सरकार और भाजपा राशन पर नूरा कुश्ती छोड़ें, दिल्ली सरकार अपने बजट से राशन खरीदकर घर-घर राशन योजना लागू करे।- चौ0 अनिल कुमार

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार की घर-घर राशन की घोषणा केवल लोगों की झूठी सहानूभूति पाने के लिए की गई, अगर केजरीवाल की नियत साफ होती तो वे घर-घर राशन योजना को राशन पीडीएस योजना में अलग बजट में प्रावधान करके राशन खरीदकर दिल्ली की जनता को मुफ्त राशन बांटती, जिसमें केन्द्र सरकार का कोई हस्तक्षेप नही होता, परंतु केजरीवाल लोगों को सुविधाऐं देने के लिए गंभीर नही है। उन्होंने कहा कि अरविन्द केजरीवाल ने केन्द्र सरकार के पास कमजोर राशन नीति भेजी जिसमें सरकार ने कई कमियां निकाल कर खारिज कर दिया।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल सरकार और मोदी सरकार के आपसी झगड़े में दिल्ली की जनता को राशन से वंचित होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी की नूरा कुश्ती के चलते लोगों के लिए किसी भी कल्याणकारी योजना को उपराज्यपाल की सहमति नही मिलती। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि कोविड महामारी के संकट के दौर में केन्द्र व दिल्ली सरकार की जिम्मेदारी है कि वह गरीब, मध्यम, निम्न व मजदूर वर्ग के लोगों को मुफ्त राशन मुहैया कराए परंतु एक साजिश के तहत केजरीवाल लोगों के लिए योजना का प्रारुप ही इस तरह करते है कि केन्द्र सरकार उस पर रोक लगा देती है। उन्हांने कहा कि एक साजिश के तहत दिल्ली के लोगों को मुफ्त राशन योजना से अलग दूर किया जा रहा है, जबकि घर-घर शराब बांटना हो या वेट बढ़ाना हो भाजपाऔर आम आमदी पार्टी हाथ मिला लेती हैं।

केजरीवाल सरकार ने 1600 शिक्षकों को नौकरी से निकाला जबकि आम आदमी पार्टी ने चुनावी घोषणा पत्र में सभी अनुबंधित कर्मचारियों को नियमित करने का वायदा किया था।- चौ0 अनिल कुमार

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि कोविड महामारी में बढ़ती बेरोजगारी के संकट के दौर में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने सरकारी स्कूलों में 8 वर्षों से काम कर रहे 1600 टीचरों की सेवाऐं फंड की कमी की दुहाई देकर जनवरी 2021 से स्थगित कर दी है। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों के अनुपात में अध्यापकों की भारी कमी है और अरविन्द केजरीवाल ने अपने घोषणा पत्र में अनुबंधित अध्यापकों व अन्य कर्मचारियों को पक्का करने का वायदा किया परंतु पिछले सात वर्षों में दिल्ली सरकार ने एक भी सेन्शन पोस्ट टीचर की भर्ती नही की है। अरविन्द केजरीवाल ने 2015 के घोषणा पत्र में 5 वर्षों में 8 लाख रोजगार देने का वायदा केवल लोगों को गुमराह करने के लिए किया था। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि चुनाव घोषणा पत्र में अरविन्द केजरीवाल ने 500 स्कूल बनाने का वायदा किया था।

केजरीवाल सरकार द्वारा 1600 शिक्षकों को नौकरी से निकालकर बच्चों के भविष्य से खिलवाड कर रही है।- चौ0 अनिल कुमार

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि जहां दिल्ली में बेरोजगारी दर 45 प्रतिशत तक पहुच गई है केजरीवाल सरकार लोगों को रोजगार देने की बजाय उनकी नौकरी छीनने का काम कर रही है। पिछले तीन शासन काल में अरविन्द केजरीवाल दिल्ली के लोगों से झूठे वायदे किए और एक भी वायदा पूरा नही किया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के निक्कमेपन के कारण महामारी के संकट में बेरोजगारी के चलते इन टीचरों की अजीविका प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि छात्र देश का भविष्य होते है परंतु दिल्ली सरकार की असंवेदनशीलता के कारण सरकारी स्कूलों में शिक्षक प्रयाप्त संख्या में उपलब्ध नही है, जिसके कारण सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल पंजाब और गुजरात में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी के लिए दिल्ली के शिक्षा मॉडल का बखान करते है। जबकि आम आदमी पार्टी के कार्यकाल में दिल्ली सरकार के स्कूलों में लगातार सात सालों से छात्रों की संख्या में कमी आई है।  उन्होंने कहा कि छात्रों के भविष्य के लिए दिल्ली सरकार को शिक्षकों की भर्ती के लिए शिक्षा बजट का आवंटन करना चाहिए, जबकि वर्तमान वर्ष 2021-22 के कुल बजट का 25 प्रतिशत 16,377 करोड़ शिक्षा के लिए प्रावधान था फिर भी 1600 शिक्षकों को फंड की कमी के चलते निकाल दिया गया।  रिपोर्ट- ज्योति सिंह

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