लखनऊ: रविवार को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में किसानों की मौत पर पूरे देश में जमकर राजनीति हो रही है। लेकिन एक मौत का कहीं जिक्र नहीं किया जा रहा है और वो है 25 वर्षीय बीजेपी कार्यकर्ता शुभम मिश्रा।
युवा कार्यकर्ता की मौत रविवार को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा के दौरान हुई थी।
शुभम मिश्रा भी रविवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उन्हें फोन बूथ संभालने की जिम्मेदारी मिली थी। बीबीसी के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, शुभम पार्टी के बूथ इन्चार्ज थे और अपने शहर में काफी लोकप्रिय भी थे।
शुभम के पिता विजय मिश्रा बताते हैं कि उनके बेटे की बेरहमी से हत्या कर दी गई है। वो उस मंजर को याद भी नहीं करना चाहते हैं। उनके बेटे की पीट-पीट कर हत्या की गई है।
साथ ही शुभम के पिता सरकार से सख्त कार्यवाई की उम्मीद कर रहे हैं। वो बताते हैं कि शुभम के अंतिम संस्कार में भारी संख्या में लोग मौजूद थे। उनके पिता ये बात कहते हुए रो पड़ते हैं।
माननीय कोर्ट ने भी लखीमपुर घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। मगर विपक्षी पार्टियां इस पर राजनीति करने से पीछे नहीं हट रहे हैं। विपक्षी केवल किसानों की मौत का मुद्दा उठा रहे हैं। मौत किसानों की भी दुर्भाग्यपूर्ण हैं। लेकिन किसानों की आड़ में पार्टियां अपनी-अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रही हैं।
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