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Uttarakhand: पर्यटकों के लिए खुली विश्व धरोहर ‘फूलों की घाटी’

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विश्व धरोहर फूलों की घाटी 1 जून को पर्यटकों के लिए खोल दी गई है। अब 31 अक्टूबर तक पर्यटक फूलों की घाटी में फूलों की विभिन्न प्रजातियों का दीदार कर सकेंगे। घाटी में लगभग छह सौ प्रजातियों के फूल देश विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं। यूनेस्को विश्व धरोहर में शामिल चमोली जिले में स्थित फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए खोल दी गई है।

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इस मौके पर मौजूद पर्यटक फूलों की घाटी को देखने को लेकर काफी उत्साहित दिखे। अब अगले पांच महीनों तक देश विदेश के पर्यटक फूलों की घाटी की प्राकृतिक सुंदरता और विभिन्न प्रजाति के फूलों का दीदार कर सकेंगे। पहले दिन 40 पर्यटकों के दल को घांघरिया से फूलों की घाटी के लिए रवाना किया गया। प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक घाटी के पैदल रास्ते पर दो जगह पर भारी हिमखंड पसरे हैं।

पर्यटकों को हिमखंडों के बीच से ही होकर गुजरना होगा। 87.50 वर्ग किमी में फैली फूलों की घाटी हर साल पर्यटकों के लिए एक जून से खोल दी जाती है और 31 अक्तूबर को बंद कर दी जाती है। फूलों की घाटी में फूलों की लगभग 600 प्रजातियां पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं। यहां मुख्य रूप से ब्रह्मकमल, फेनकमल, ब्लूपॉपी, मारीसियस, मैरीगोल्ड, गोल्डन रॉड, जैस्मिन, रोवन, हेलमेट प्लावर, गोल्डन लिली सहित कई फूल खिलते हैं।

इसके साथ ही ये क्षेत्र कई दुर्लभ वन्यजीवों का भी वासस्थल हैं। हिम तेंदुआ, हिमालयन काला भालू, मोनाल, जंगली बिल्ली और कस्तूरी मृग जैसे दुर्लभ वन्यजीव इस क्षेत्र में विचरण करते हैं। फूलों की घाटी की यही विशेषताएं इसे प्रकृति प्रेमियों का पसंदीदा स्थल बनाते हैं। और देवभूमि आने वाले ऐसे ही प्रकृति प्रेमियों के लिए घाटी के द्वार खोल दिए गए हैं।

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