Uttarakhand: केंद्र सरकार गावों के विकास के लिए अकसर ही तत्पर नजर आती है। इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की शरूआत की थी। इस योजना के तहत सीमावर्ती गांवों में सड़क के साथ पानी और बिजली की भी सुविधा दी जा रही है। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड समेत और भी कई प्रदेश के गांव आते हैं।
केंद्र सरकार की तरफ से वाइब्रेंट विलेज योजना का संचालन किया जा रहा है। इस योजना के तहत सीमांत गांव का विकास किया जा रहा है। केंद्र सरकार की मंशा चीन सीमा पर स्थित इन गावों को विकसित करके यहां पर्यटन गतिविधियों में इजाफा करने की है। इससे लोगों को घर पर ही रोजगार मिलेगा वही पलायन रुकने से सीमा पर गतिविधियों की जानकारी सेना और सुरक्षा एजेंसियों को मिल सकेगी।
विनोद चमोली ने कहा ये राष्ट्रीय समस्या है हम अभी चाइना को एनिमी नंबर 1 मान कर चल रहे है। चाइना सीमांत क्षेत्रों में घुसने की हिमाकत करता है। हमारे सीमांत गांव रोजगार न होने की वजह से पलायन कर चुके हैं। इस योजना के तहत लोगो को वहीं रोजगार उपलब्ध हो सके, उन्हें अच्छी व्यवस्था मिल सके इसके लिए सीमांत क्षेत्रों का विकास करना जरूरी है। इस क्षेत्र में रहने वाले लोग हमारे इन्फोर्मर भी होते है जो घुसपैठ की जानकारी सबसे पहले देते हैं। ऐसे गावों के विकास से पर्यटन भी बढ़ेगा और जब ज्यादा पर्यटक आयेंगे तो लोगो को रोजगार भी मिलेगा। इससे ही हमारी योजना भी सफल होगी हम सीमा को और मजबूत रख पायेंगे।
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