Uttarakhand: पौड़ी में खूंखार बाघ के आतंक से सहमे लोग, जिला प्रशासन ने दर्जनों गावों में लगाया कर्फ्यू

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पौड़ी जिले में बाघ के हमले में दो लोगों की मौत से दहशत का माहौल है। पौड़ी जिला प्रशासन ने बाघ के आतंक को देखते हुए दो तहसीलों के दर्जनों गांवों में शाम सात बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लगा दिया है। इसके साथ ही प्रशासन ने 17 और 18 अप्रैल को दोनों तहसीलों के स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखने का आदेश दिया है।
पौड़ी जिले के दर्जनों गांव के ग्रामीण बाघ की दहशत में हैं। बाघ के हमले में 13 और 15 अप्रैल को दो लोगों की मौत के बाद इलाके में खौफ का माहौल है। बाघ के आगे भी हमले का खतरा बना हुआ है।जिसे देखते हुए प्रशासन ने रिखणीखाल और धुमाकोट तहसील के दर्जनों गांवों में शाम सात बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लगा दिया है।
इसके अलावा 17 और 18 अप्रैल को इन दोनों तहसीलों के स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र भी बंद रहेंगे। डीएम पौड़ी ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। रिखणीखाल के डल्ला गांव में बाघ के हमले में बुजुर्ग की मौत के बाद वन विभाग ने हमलावर बाघ को पकड़ने के लिए गांव में पिंजरा लगा दिया है। बाघ के हमले में वृद्ध की मौत के बाद आसपास के गांवों में दहशत बनी हुई है। शाम ढलते ही लोग घरों में कैद हो जा रहे हैं। लोगों की सबसे बड़ी चिंता स्कूल जाने वाले बच्चों की सुरक्षा को लेकर है।
हालांकि प्रशासन ने दो दिनों के लिए स्कूलों में छुट्टी घोषित की है। लेकिन दो दिन बाद स्कूल खुलने पर बच्चों की सुरक्षा को लेकर लोगों में चिंता बनी हुई है। हमलावर बाघ के खतरे को देखते हुए वन विभाग के कर्मी बंदूकों के साथ लगातार गश्त कर रहे हैं। ड्रोन की मदद से इलाके की निगरानी और बाघ को लोकेशन ट्रेस की जा रही है। प्रशासन और वन विभाग ने ऐहतियाती इंतजाम तो किए हैं लेकिन खून के प्यासे बाघ के पकड़े जाने तक लोग दहशत के साये में जीने को मजबूर ही रहेंगे।
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