Uttarakhand: केदारनाथ यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों के लिए इंतजाम, जिला प्रशासन ने 72 लाख रूपए की धनराशि की जारी

केदारनाथ यात्रा मार्ग पर इस बार घोड़े खच्चरों के पीने का पानी गर्म करने के लिए आठ स्थानों पर गीजर लगवाए जा रहे हैं। साल दो हजार बाईस की यात्रा में ठंडा पानी पीने से बड़ी संख्या में घोड़े खच्चरों की मौत हुई है, जिसे दिखते हुए इस बार जिला प्रशासन नई व्यवस्था कर रहा है।
केदारनाथ यात्रा में पैदल मार्ग पर घोड़े खच्चरों की भूमिका काफी अहम है। तीर्थयात्रियों की सुविधा के साथ ही घोड़े खच्चरों का आर्थिक लिहाज से भी बड़ा महत्व है। पिछले साल हुई यात्रा में केदारनाथ धाम में घोड़ा खच्चर संचालकों ने 109.28 करोड़ रूपए की कमाई की। इन बेजुबानों के सहारे लाखों श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के धाम के दर्शन किए और इनके मालिकों ने ताबड़तोड़ कमाई की। लेकिन इन घोड़े खच्चरों के लिए यात्रा मार्ग पर पीने का गर्म पानी तक मुहैया नहीं कराया गया।
जिससे प्यास और थकान के कारण बड़ी संख्या में घोड़े खच्चरों की मौत हुई। मई 2022 ही तक लगभग डेढ़ सौ घोड़े- खच्चरों की केदारनाथ मार्ग पर मौत हुई। जिसे लेकर संस्था पीएफए ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी । याचिका पर सुनाई करते हुए हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन को घोड़े खच्चरों के लिए जरूरी इंतजाम को लेकर नोटिस जारी किया था। प्रशासन ने कोर्ट में हलफनामा देकर यात्रा मार्ग पर जरूरी व्यवस्था करने का भरोसा दिया था।
ऐसे में इस साल की यात्रा के मद्देनजर घोड़े खच्चरों के लिए रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन कई इंतजाम करने जा रहा है। नई व्यवस्थाओं को लेकर जिला प्रशासन ने जल संस्थान के लिए 72 लाख रुपये स्वीकृत किये हैं। इस धनराशि से घोड़े खच्चरों के आराम के लिए टिन शेड और गर्म पानी के लिए गीजर की व्यवस्था की जानी है। प्रशासन के अनुसार केदारनाथ यात्रा मार्ग पर घोड़े खच्चरों के पीने का पानी गर्म करने के लिए आठ स्थानों पर गीजर लगवाए जा रहे हैं।
जिससे थके हारे घोड़े खच्चरों को आराम के लिए पर्याप्त जगह और पीने का गर्म पानी मिल सके। यात्रा के दौरान घोड़े खच्चरों पर बैठकर बाबा केदार के दर्शन को जाने वाले श्रद्धालु अपनी धुन में मगन रहते हैं और इनके जरिए मोटी कमाई करने वाले संचालक अपनी आय बढ़ाने में। ऐसे में इन बेजुबानों की कौन सुध ले।
हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद जिला प्रशासन ने इस बार घोड़े खच्चरों के आराम और पीने के गर्म पानी के लिए 72 लाख रूपए की धनराशि जारी की है। उम्मीद की जानी चाहिए कि श्रद्धालुओं को खड़ी चढ़ाई पर ढोकर, बाबा केदार के दर्शन कराने वाले इन बेजुबान जानवरों के लिए, इस बार कम से कम पीने लायक पानी तो उपलब्ध हो ही जाएगा।
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