देहरादून: केरल के बाद अब उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर जारी है। बाढ़ और भूस्खलन के कारण उत्तराखंड में दो दिन में 16 लोगों की मौत हुई है।राज्य आपदा प्रबंधन के सचिव एसए मुरुगेसन ने कहा, ‘पिछले 24 घंटों में 200 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई है। पौड़ी और चंपावत में भारी बारिश के कारण बीते कल पांच मौतें दर्ज की गईं। वहीं अल्मोड़ा, नैनीताल और उधमसिंह नगर में आज 11 लोगों की जान चली गई’।
प्रदेश में हो रही लगातार बारिश से जहां जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है तो वहीं पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश के बाद नदियां पूरे ऊफान पर बह रही है यहां तक नदियों ने अपना कई सालों का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
वही पहाड़ों से आने वाली गौला नदी भी पूरे ऊफान पर बह रही है तो गौला बैराज से लगातार 90 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। यहां तक बाढ़ से गौला पुल का बढ़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है जिसे देखते प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सुरक्षा बढ़ा दी है।
बता दें कि गोला नदी के बाढ को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी स्थलीय निरीक्षण किया तो उन्होंने उत्तराखंड में हुए आपदा को चिंता जाहिर की है । उनका कहना है कि बारिश के बंद होने के बाद ही दैवीय आपदा का आंकलन लगाया जा सकता है ।
वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपदा कंट्रोल से आपदा की लगातार जानकारी लें रहे है तो वही मौसम की सही होने पर उनके द्वारा हवाई सर्वे भी किया जा रहा है मुख्यमंत्री प्रतिनिधि अनिल डब्बू ने जहां गोला पुल का स्थलीय निरीक्षण किया तो ही उनका कहना है कि बारिश के बंद होने के बाद ही पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से को जल्द सही कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील कर कहा है कि ‘कोई भी परेशान न हो, सरकार हर संभव मदद की कोशिश कर रही है’
नैनीताल जिला प्रशासन लगातार आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर रहा है। पहाड़ों पर हुई आपदा से कई सडक़ मार्ग भी ध्वस्त हो गये है । नैनीताल के एडीएम अशोक जोशी ने कहा कि रविवार से लगातार हो रही बारिश से गोला नदी ने अपने कई साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। एस पी सिटी जगदीश चंद्र का कहना है की पुलिस लगातार आपदा को देखते हुए लोगों को सावधानी बरतने के निर्देश दे रही हैं और नदी के किनारों पर एसडीआरएफ और पुलिस जवानों की तैनाती कर रही है।
सरोवर नगरी नैनीताल व उसके आसपास लगातार 3 दिन से मूसलाधार बारिश के कारण देर रात से विधुत आपूर्ति, पेयजल व्यवस्था व मोबाइल नेटवर्क की सारी व्यवस्था ठप हो गयी है। जनपद के अधिकांश मार्ग भी बन्द पड़ चूके हैं। यहाँ तक कि यात्री भी अभी रास्तों में कल से सड़क खुलने के इंतजार में बैठे हुए हैं। हालांकि प्रशासन द्वारा सड़क को खुलवाने का प्रयास किया जा रहा है।
हरिद्वार में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। पहाड़ों से आने वाला बारिश का पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है जिसके चलते नीलधारा में भीमगोड़ा बैराज से पानी नीलधारा में छोड़ा गया है। बैराज को पूरा खोला गया है लेकिन सुबह से ही गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि गंगा का जलस्तर और भी बढ़ सकता है। हरिद्वार एसडीएम पूरन सिंह राणा ने बताया कि गंगा के किनारे बसे सभी लोगों को सुरक्षित वहां से शिफ्ट कर दिया गया है और बचाव दल लगातार कार्य कर रहे है साथ ही सभी बाढ़ चौकियां पहले से ही अलर्ट मोड पर है। वही उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के एसडीओ शिव कुमार कौशिक ने बताया कि गंगा का जलस्तर सुबह से ही बढ़ा हुआ है और उनके अनुसार जलस्तर कम होने के आसार है।
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