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उन्नाव की प्राची ने जीता कास्य पदक, बढ़ाया देश का मान

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उन्नाव की रहने वाली प्राची ने जार्डन में हुई अंतरराष्ट्रीय पैरा टेबल टेनिस में कस्य पदक जीत कर देश का मान पूरी दुनिया में बढ़ाया है। देश के लिए मेडल जीत कर वापस लौटी दिव्यांग प्राची ने जहाँ अपनी सफलता के पीछे की संघर्ष की कहानी बयां की, वहीं सन्देश दिया की सफलता के लिए संघर्ष का रास्ता कभी ना छोड़े।

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प्राची ने बताया कि इसके पहले ब्राजील में हुई अंतराष्ट्रीय पैरा टेबिल टेनिस प्रतियोगिता ने कास्य पदक जीत चुकी हैं। प्राची ने यह भी बताया कि किस तरह पहले उन्हें नेशनल, फिर इंटरनेशनल खेलने का मौका मिला।

दिव्यांग प्राची ने अन्य लड़कियों के लिए सन्देश दिया की हार ना मानो कुछ भी पॉसिबल हैँ। बस लड़ते रहना हैँ, कोई कुछ करना चाहे, कुछ जीतना चाहे तो उसे कोई रोक नहीं सकता। आगे मैं एशियन गेम की तैयारी कर रही हूं। प्राची ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और कोच को दिया।

वह बेटी पर गर्व जताते हुए कहते हैं कि अपनी लगन व परिश्रम की बदौलत भविष्य में उसे अतर्राष्ट्रीय पर स्थापित खिलाड़ी बनने का सपना पूरा होते देखना चाहते हैं। उन्हें भरोसा है कि प्राची एक दिन विश्व स्तरीय प्रतियोगिता में देश को गौरवांवित करा उनका सिर फक्र से ऊपर उठाने में कामयाब होगी। वहीं प्राची ने यह भी बताया कि किस तरह पहले उन्हें नेशनल, फिर इंटरनेशनल खेलने का मौका मिला।

(उन्नाव से विनोद निषाद की रिपोर्ट)

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