UP विधान परिषद से भी मुक्त हुई देश की सबसे पूरानी पार्टी कांग्रेस

भारत में सबसे लंबे वक्त तक सत्ता संभालने वाली देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की राजनितिक छाप धूमिल होते जा रही है। एक के बाद एक चुनाव हारने के बाद कांग्रेस के हालात कुछ ऐसे हो गए हैं, की इस बार यूपी विधान परिषद में भी कांग्रेस का एक भी सद्स्य नहीं बचा। 1935 के बाद ऐसा पहली बार होगा जब उत्तरप्रदेश विधान परिषद में कांग्रेस का एक भी सदस्य देखने को नहीं मिलेगा। तत्कालीन अंग्रेंजी हुकूमत के समय GOI (गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया) एक्ट 1935 के तहत उत्तर प्रदेश विधान परिषद का गठन हुआ था।
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कांग्रेस तबसे लेकर आज तक विधान परिषद में मौजुद रही है, पर इस बार ऐसा देखने को नहीं मिलेगा। यह कांग्रेस के लिए बहुत ही दुःख की बात है, देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के विधान परिषद में देश की सबसे पुरानी पार्टी की गैरमौजूदगी कांग्रेस की खस्ती हाल को दरसाती है।
UP विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार बनी दिक्कत
जानकारी के लिए बता दें हाल ही में संपन्न हुए उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव 2022, में कांग्रेस को जनता ने सिरे से नकार दिया है। लगभग 166 सीटों पर उम्मीदवार उतारने वाली कांग्रेस को यूपी की जनता नें महज दो ही सीटें दी। जिससे विधान परिषद में कांग्रेस का एक भी सदस्य नहीं पहुंच सकता है। अभी मौजूदा समय में विधान परिषद में कांग्रेस के एकलौते एमएलसी दीपक सिंह है, जिनका कार्यकाल 6 जुलाई का समाप्त होने वाला है। बता दें साल 2016 में दीपक सिंह को विधान परिषद का सदस्य चुना गया था।
नहीं काम आया प्रियंका का नारा
लगातार मिल रही सिक्स्त की रथ को रोकने के लिए इस बार प्रियंका गांधी ने मोर्चा संभाला था। साथ ही महिलाओं-लड़कियों की वोट साधने को लेकर , ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ का नारा दिया। जिसका कुछ खास असर प्रदेश के लड़कियों- महिलाओं पर नहीं हुआ। ऐसे में एक बार फिर प्रदेश की जनता ने भाजपा को अपना मत देकर जिता दिया है। कांग्रेस केवल दो सीट जितने में कामयाब हो पाई है। आलम यह था की खुद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू तक अपनी सीट नहीं बचा सके।
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रिपोर्ट: आकर्ष मिश्रा