Advertisement

ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे का काम रुका, कोर्ट कमिश्नर को अंदर जाने से रोका

Share

आज ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे नहीं हो सका। हिंदू पक्ष के वकीलों के दल को मस्जिद परिसर में घुसने नहीं दिया गया। इसके बाद हिंदू पक्ष के वकील काशी विश्वनाथ धाम परिसर से ही वापस लौट आए।

ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे
Share
Advertisement

काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद केस: वाराणसी के काशी विश्वनाथ और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी समेत कई विग्रहों के सर्वे का काम चल रहा है। कोर्ट के आदेश पर यह सर्वे हो रहा है। इस सर्वे को लेकर वाराणसी में हंगामा मचा हुआ है। सर्वे की कार्रवाई शुरू होने के बाद से ही विरोध प्रदर्शन जारी है।

Advertisement

दूसरी तरफ आज ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे नहीं हो सका। हिंदू पक्ष के वकीलों के दल को मस्जिद परिसर में घुसने नहीं दिया गया। इसके बाद हिंदू पक्ष के वकील काशी विश्वनाथ धाम परिसर से ही वापस लौट आए। इससे पहले यह जानकारी सामने आई थी कि मस्जिद परिसर में सर्वे शुरू हो गया है। लेकिन अब परिसर में कोर्ट कमिश्नर को घुसने से रोके जाने की खबर सामने आई है।

गौरतलब है कि प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटी की ओर से कोर्ट कमिश्नर को हटाने की मांग वाली प्रार्थना पत्र सिविल जज के कोर्ट में पेश किया गया। प्रतिवादी मुस्लिम पक्ष का आरोप है कि कोर्ट कमिश्नर की ओर से पक्षपात किया जा रहा है।

क्या है मामला?

काशी विश्वनाथ मंदिर और मंदिर परिसर में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का केस 1991 से चल रहा है। वाराणसी के स्थानीय अदालत के साथ-साथ यह इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रही है। वहीं मां श्रृंगार गौरी का केस साढ़े 7 महीने पुराना है। 18 अगस्त 2021 को वाराणसी की पांच महिलाओं ने बतौर वादी वाराणसी सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना दर्शन-पूजन की मांग और अन्य मांगों के साथ अदालत में एक याचिका दायर की थी।

महिलायों की याचिका को अदालत ने स्वीकार करते हुए मौके की स्थिति जानने के लिए वकील कमिश्नर नियुक्त करने और तीन दिन के अंदर पैरवी का आदेश दिया था। लेकिन बार-बार कोर्ट कमिश्नर के बैकफुट पर चले जाने के चलते विवादित स्थल का मुआयना नहीं हो सका था।

फिर 8 अप्रैल को कोर्ट ने कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को नियुक्त करते हुए कमीशन और वीडियोग्राफी की कार्रवाई करने की फिर से अनुमति दे दी थी। जिसके बाद प्रतिवादियों द्वारा आपत्ति दर्ज कराई गई थी। जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दलील को खारिज कर दिया और ईद के बाद कमीशन और वीडियोग्राफी की कार्रवाई करके 10 मई से पहले रिपोर्ट मांगी है। सुनवाई की तारीख भी 10 मई को तय की गई है।

ये भी पढ़ें- ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे में राजनीति की एंट्री, AIMIM प्रमुख ओवैसी बोले- एंटी मुस्लिम हिंसा का रास्ता खोलेगा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *