अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अजमल खान तिब्बिया कॉलेज के रिसर्च स्कॉलर को स्टाइपेंड नहीं मिलने पर सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया। दरअसल, बीयूएमएस करने के बाद छात्र मास्टर डिग्री में एडमिशन लेते हैं। वहीं देश के सबसे पुराने और एम्स माना जाने वाली अजमल खान तिब्बिया यूनानी कॉलेज में स्टाइपेंड नहीं मिलने से छात्र अपना हक मांग रहे है। छात्रों का कहना है कि रिसर्च के 42 छात्र हैं, जिसमें तीन डिपार्टमेंट के छात्रों को ही स्टाइपेंड मिल रही है। एएमयू प्रशासन से कई बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन कभी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया।
अलीगढ़ के यूनानी मेडिसिन में पीजी स्कॉलर के तहत एडमिशन को लेकर काउंसलिंग होती है। यह काउंसलिंग आयुष मंत्रालय के AACCC के तहत कॉलेज की सीटें बताई जाती है। इसमें स्टाइपेंड्री और नॉन स्टॉइपेंड्री सीटे भी तय होती है। वहीं एएमयू का अजमल खान तिब्बिया कॉलेज की सीटें स्टाइपेंड्री है। रिसर्च वर्क के लिए छात्रों को 90 हजार रुपये स्टाइपेंड्री मिलती है। तिब्बिया कॉलेज में केवल तीन डिपार्टमेंट के 12 छात्रों को स्टाइपेंड्री मिल रही है। जबकि 30 अन्य छात्रों को नहीं दी जा रही है।
शोध छात्र आजम सिद्दीकी ने बताया 14 साल से रिसर्च छात्रों को स्टाइपेंड नहीं मिल रहा है। केवल 12 स्टूडेंट को मिल रहा है। हमें केवल ऑफिस में चक्कर लगवाया जाता है। इसीलिए आज सड़क पर उतर कर अपना हक मांग रहे हैं।
(अलीगढ़ से संदीप शर्मा की रिपोर्ट)
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