योगी सरकार में मंत्री अब नहीं चुन सकेंगे अपनी पसंद का स्टाफ, क्या है योगी सरकार का नया प्लान

यूपी में योगी सरकार के मंत्रियों के लिए नया नियम लाया गया है। खबर है कि अब मंत्रियों को अपनी पसंद का निजी स्टाफ रखने की आजादी नहीं होगी। उन्हें एक खास सूची दी जाएगी। इनमें से ही उन्हें स्टाफ चुनना होगा। नई व्यवस्था को मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से हरी झंडी मिल गई है।
सीएम योगी ने सोमवार को लखनऊ में विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ ली है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, योगी सरकार की नई व्यवस्था में स्टाफ का चुनाव डिजिटल तरीके से किया जाएगा और मंत्रियों को उम्मीदवारों की लिस्ट में से अपना स्टाफ चुनना होगा।
इसमें खास बात यह है कि यह सूची पूरी तरह से कंप्यूटर लॉटरी के जरिए तैयार की गई है। बता दें कि बीते पांच सालों में किसी भी मंत्री के साथ काम कर चुके सपोर्ट स्टाफ को नई सूची में शामिल नहीं किया गया है।
सीएम कार्यालय से मिली हरी झंडी
खबर है कि अंतिम सूची को सीएम कार्यालय की तरफ से भी मंजूरी मिल चुकी है। इस सूची में चुने गए लोगों के नाम कोड में दर्ज किए गए हैं, ताकि इसे जाति या धर्म से दूर निष्पक्ष दस्तावेज बनाया जा सके। इस सूची में से ही मंत्री अपने पसंद का स्टाफ चुन सकेंगे।
सीएम योगी ने बांटे विभाग
यूपी के सीएम पद की शपथ लेने के तीन दिन बाद ही योगी आदित्यनाथ ने राज्य सरकार में शामिल नए मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया। उन्होंने गृह विभाग समेत 33 विभागों को अपने पास रखा है। खास बात यह है कि इस बार उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से लोक निर्माण विभाग लेकर जितिन प्रसाद को दिया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रसाद बीते साल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। मौर्य को ग्रामीण विकास, ग्रामीण समग्र विकास, रूरल इंजीनियरिंग, मनोरंजन कर और राष्ट्रीय एकीकरण शामिल है।