Advertisement
Uttar Pradesh

Mathura: सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर अब ब्रज के 37 वन्य क्षेत्रों में होगा पौराणिक वृक्षों का रोपण

Share
Advertisement

भगवान श्री कृष्ण को पसंद ब्रज के प्राचीन ब्रक्ष अब यहां की सोभा बढ़ाने वाले है जिसके लिए यूपी सरकार की मथुरा को संवारने की क़वायद शुरू हो गई है। जिसमें सुप्रीम कोर्ट से आदेश जारी हो गया है की यहां के विलायती बबूल कंटीले पेड़ो को हटाया जाए और चौड़े पत्ते वाले पेड़ लगाए जाएं। श्री कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा क्षेत्र में उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने प्राचीन वन क्षेत्रों के पुनर्जन्म की योजना तैयार की है। जिसके जरिए ब्रज की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत वाली मथुरा की महिमा को पुनर्जीवित करना चाहती है। जिसके बारे में खास बात है की सरकार की मनसा है कि वो इस क्षेत्र में भगवान कृष्ण की पसंद वाले कदम्ब जैसे पेड़ लगाना चाहती है। जिसके लिए बन विभाग ने ब्रज तीर्थ विकास परिषद के साथ मिलकर इस पर योजना को बनाई इस योजना के लिए सुप्रीम कोर्ट का आदेश जारी हो गया है।
 

Advertisement

मथुरा का ये क्षेत्र ताज ट्रेपेज़ियम जोन ( TTZ) में आता है, और इस इलाके में किसी भी कार्य के लिए सुप्रीम कोर्ट की इजाजत जरूरी होती है। यूपी सरकार के वन विभाग ने अपनी अर्जी में कहा है कि वो एक पर्यावरण-पुनर्स्थापना अभियान शुरू करना चाहता है, जिसमें देशी चौड़ी पत्ती वाली प्रजातियों के वृक्षों का रोपण किया जाएगा, विशेष रूप से वो वृक्ष जो “भगवान कृष्ण के प्रिय माने जाते हैं। इनमें प्रमुख रूप कदम्ब,बरगद,पीपल,गुलर,पपड़ी,आदि जैसी देशी प्रजातियों के अलावा तमाल, पीलू, पाखड़, मोलश्री, खिरानी, आम, अर्जुन, पलाश, बहेड़ा आदि प्रजातियां शामिल हैं।

देशी पेड़ों के रोपण से न केवल पुष्प जैव विविधता फिर से स्थापित होगी, बल्कि पशु जैव विविधता में भी जबरदस्त वृद्धि होगी।अपनी योजना के पीछे धार्मिक दृष्टिकोण बताते हुए विभाग ने दावा किया कि मथुरा मंडल में 137 प्राचीन वन हैं जिनका धार्मिक ग्रंथों में जिक्र है।उनमें से 48 वन 48 देवताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं और इसलिए, ब्रज मंडल परिक्रमा का हिस्सा है।वहीं तीर्थयात्री परिक्रमा के हिस्से के रूप में इन प्राचीन जंगलों की पूजा करते हैं।

जबकि चार जंगल एक ही नाम और उसी स्थान पर मौजूद हैं जैसा कि शास्त्रों में वर्णित है।शेष 37 बन का पता लगा लिया गया है और सात और स्थानों की पहचान करने की प्रक्रिया जारी है। इसमें कहा गया था कि 37 में से 26 आरक्षित वन क्षेत्रों में आते हैं और 11 सामुदायिक या निजी भूमि के रूप में चिह्नित हैं। जिनका बन विभाग और जिला प्रशासन के साथ ब्रज तीर्थ विकाश परिषद अब जल्द ही यहां स्थापित अंग्रेजी शासन के द्वारा लगाए गए कीकर बबूल के साथ झाड़ी ककरीलों को हटाएंगे। ताकि यहां पर प्राचीन स्वरूप वाले वृक्ष लगाए जाएं जिससे यहां आने वाले यात्री भी काफी अच्छा महसूस करेंगे।
श्रद्धालु इन बड़े पत्तों वाले वृक्ष के नीचे वो आराम और विश्राम भी कर सकेंगे।

(मथुरा से प्रवेश चतुर्वेदी की रिपोर्ट)

ये भी पढ़ें: किआ सोनेट फेसलिफ्ट आज ग्लोबल मार्केट में होगी अनवील, टाटा नेक्सॉन से मुकाबला

Recent Posts

Advertisement

‘लालू यादव ने परिवार को बढ़ाया…हमने बिहार को…’, CM नीतीश कुमार का RJD पर निशाना

CM Nitish Kumar: लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की वोटिंग हो चुकी है। कल चौथे…

May 12, 2024

राम और राष्ट्र एक दूसरे के पर्याय, जो राम का विरोधी वो राष्ट्र विरोधी, अमेठी में बोले CM योगी

CM Yogi: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कांग्रेस अपने घोषणापत्र में विरासत टैक्स…

May 12, 2024

PM मोदी ने देश के विकास और विरासत दोनों को आगे बढ़ाने का काम किया, गोंडा में बोले अमित शाह

Amit Shah: उत्तर प्रदेश के गोंडा में जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री…

May 12, 2024

Bahraich: देश में वही शासन करेगा, जो प्रभु राम को मानता है, बहराइच में गरजे सीएम योगी

Bahraich: देश में राम मंदिर निर्माण पर रामद्रोहियों को ही आपत्ति हो सकती है क्योंकि…

May 12, 2024

फ्रांस के राजनयिक लॉरेंट त्रिपोने ने किया गुरु गोरखनाथ का दर्शन-पूजन

Gorakhpur: फ्रांस के राजनयिक लॉरेंट त्रिपोने ने रविवार को गोरखनाथ मंदिर में शिवावतार महायोगी गुरु…

May 12, 2024

‘वो अपने बारे में इतना बोलती हैं…कुछ कहने को नहीं बचा’, विक्रमादित्य सिंह ने कंगना रनौत पर कसा तंज

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के तीन चरणों के मतदान हो चुके हैं, चौथे…

May 12, 2024

This website uses cookies.