CM Yogi to Advocates: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को वाराणसी कचहरी के निकट रामआसरे वाटिका में अधिवक्ताओं से संवाद किया। उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं ने देश व समाज के लिए खुद को समर्पित किया है। पीएम मोदी अधिवक्ताओं की प्राथमिकता में हैं और अधिवक्ता उनकी प्राथमिकता में हैं। आजादी की लड़ाई में अधिवक्ताओं ने प्रैक्टिस रोक कर देश को पूरा समय दिया था। उनके मन में नेशन फर्स्ट था। आज मोदी जी भी नेशन फर्स्ट के अभियान को लेकर चले हैं। एक तरफ नेशन फर्स्ट तो दूसरी तरफ फैमिली फर्स्ट वाले लोग हैं। आज विरासत, सुरक्षा, सम्मान, विकास और गरीब कल्याण के कार्य हो रहे हैं। हमारा अधिवक्ता समुदाय लड़ते-लड़ते थक जाता था, लेकिन अयोध्या का फैसला नहीं आ पाता था। अब तो वहां मंदिर भी बन गया है। काशी में आप कुछ और भी कर रहे हैं। काशी की देखादेखी अब मथुरा में भी आगाज हो गया है।
सीएम योगी ने कहा कि सुशासन के लिए कानून का राज और सुरक्षा पहली शर्त है। हम एक-दूसरे के पूरक हैं। विधायिका के द्वारा बनाए गए अधिनियम को अधिवक्ता समुदाय प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने का कार्य करता है। अपनों से पीड़ित व्यक्ति परिवार के सदस्य के कहने पर हस्ताक्षर नहीं करता है, लेकिन अधिवक्ता जहां भी कह दे, वहां हस्ताक्षर कर देता है। आप और आपकी यूनिफॉर्म विश्वास का प्रतीक है। पीड़ित को न्याय दिलाने की प्रतिबद्धता सराहनीय और अभिनंदनीय है। गरीब से लेकर समाज के हर तबके को न्याय दिलाने के आपके प्रयास से लाखों लोगों को नया जीवन मिलता है।
सीएम ने कहा कि अधिवक्ता, समाज का प्रबुद्ध वर्ग है। इस वर्ग ने देश की ज्वलंत समस्याओं से खुद को कभी अलग नहीं किया, बल्कि चुनौतियों से डटकर मुकाबला करने के लिए सदा अग्रिम पंक्ति में खड़ा रहा। अधिवक्ता समुदाय देश की आजादी की लड़ाई के अग्रिम पंक्ति में था। उन्होंने देश और दुनिया में अच्छी डिग्री ली, लेकिन लगा कि अधिवक्ता पेशा ही सब कुछ नहीं हो सकता तो अच्छी प्रैक्टिस रखकर देश की आजादी के आंदोलन में कूद पड़े, तब आजादी कोसों दूर थी, लेकिन उन्होंने नेशन को फर्स्ट रखा। आजादी की लड़ाई में लड़ने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सरदार पटेल, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, भीमराव आंबडेकर और मालवीय जी भी अधिवक्ता थे।
सीएम ने बताया कि चौरीचौरा में गोरखपुर के क्रांतिकारियों को फांसी दी गई थी तो उनकी पैरवी के लिए कई घंटों तक मालवीय जी खड़े रहे और कइयों को फांसी के फंदे से बचाया। देश की हर चुनौती के लिए अधिवक्ता समुदाय खड़ा रहा, इसलिए लोकतंत्र के महापर्व में भी अधिवक्ता समुदाय पीछे नहीं रह सकता। दस वर्ष में आपने बदलती काशी, भारत और सात वर्ष में नए उत्तर प्रदेश को देखा है। इसका श्रेय काशीवासियों को जाता है, क्योंकि आपने मोदी जी को प्रतिनिधि चुनकर संसद में भेजा। इस बदलाव का लाभ न केवल काशी, उत्तर प्रदेश, बल्कि देश-दुनिया ले रही है। दुनिया में संकट आता है तो दुनिया भारत-मोदी की तरफ देखती है।
सीएम ने कहा कि कैंट स्टेशन से काशी विश्वनाथ धाम तक देश का सबसे बड़ा रोप-वे काशी में बन रहा है। यह कार्य इस वर्ष के अंत तक हो जाएगा। प्रतिदिन एक लाख श्रद्धालु इसका प्रयोग करेंगे। काशी की सड़कों से लेकर गलियों के अंदर तक विकास हुआ। झूलते तारों से मुक्ति हुई। काशी के घाटों का सुंदरीकरण हुआ तो गंगा जी अविरल और निर्मल हुई। न केवल सड़क, रेलवे, अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट व वॉटरवे के रूप में काशी से हल्दिया तक जुड़ना दिखाता है कि काशी हर कनेक्टिविटी का केंद्र बना है। काशी में काशी विश्वनाथ धाम बन गया। पहले यहां 50 श्रद्धालुओं के आने पर परेशानी होती थी, आज 50 हजार श्रद्धालुओं के साथ आने पर भी दिक्कत नहीं होती। एक दिन में 10-10 लाख श्रद्धालु दर्शन करते हैं। इससे नाव, टैक्सी, होटल, रेस्टोरेंट, प्रसाद वालों समेत हर तबके के लोगों का विकास होता है।
सीएम योगी ने कहा कि काशी के बारे में लोगों की धारणा बदली है। नव्य-दिव्य काशी में आए लोग अभिभूत होकर जाते हैं। 2017 के पहले काशी में रंगदारी आम बात थी। माफिया हावी थे, हर काम में उनका हस्तक्षेप रहता था। व्यापारी नंदकिशोर रुंगटा का अपहरण कर फिरौती लेकर उन्हें मारकर फेंक दिया जाता था। आतंकवाद के सामने देश और प्रदेश की सरकार माफिया के आगे घुटने टेक चुकी थी। अब भारत और उप्र में हुए परिवर्तन के वाहक आप हैं, क्योंकि आपने भाजपा व मोदी को समर्थन दिया। सरकार जो भी दे रही है, वह हमारी ड्यूटी और समाज के हर तबके का संरक्षण करना हमारा दायित्व है।
सीएम ने कहा कि हमें भी न्याय के लिए अधिवक्ता के पास जाना पड़ता था। उनके चैंबर को देखकर लगता था कि यह दूसरों के लिए लड़ते हैं, लेकिन सुविधा के अभाव में ही काम करते हैं। चैंबर में ही दिन में ही सूरज और चांद दिखाई देते थे, फिर भी मौसम की परवाह किए बिना अधिवक्ता काम करते थे। फिर हमने कहा कि यदि कोर्ट का भवन बनेगा तो अधिवक्ता के चेंबर को भी इससे जोड़ा जाए। बेंच और बार में संतुलन होना चाहिए। अधिवक्ताओं के चेंबर निर्माण के लिए भी सरकार ने धनराशि उपलब्ध कराई। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नाम पर विश्व स्तरीय लॉ यूनिवर्सिटी बना रहे हैं। हमारा प्रयास है कि वह देश के लिए मानक बने। वहां से अच्छे अधिवक्ताओं की टीम पैदा करें।
सीएम ने अधिवक्ताओं की समस्याओं के समाधान में किए गए प्रदेश सरकार के कार्यों को भी गिनाया। बोले कि अधिवक्ता निधि को हमने डेढ़ लाख से पांच लाख कर दिया। कॉपर्स फंड को 500 करोड़ रुपये कर दिया है। इसके ब्याज से ही अधिवक्ताओं को कोई समस्या नहीं होगी। सीएम ने बताया कि 2751 आश्रितों को 127 करोड़, 81 लाख 50 हजार का भुगतान कर चुके हैं। वर्तमान में सहायता के लिए 456 आवेदन आए हैं। इनके 22 करोड़ 26 लाख रुपये जल्द ही अकाउंट में भेजे जाएंगे। 336 नए आवेदन आए हैं, इनके लिए 16 करोड़ 80 लाख रुपये स्वीकृत हो चुके हैं। 2017-18 से अब तक 3505 अधिवक्ताओं को 66 करोड़, 45 लाख 89 हजार926 रुपये का भुगतान कर चुके हैं। उत्तर प्रदेश अधिवक्ता सामाजिक सुरक्षा निधि योजना के अंतर्गत मृत्यु दावे के रूप में 2017-18 से अब तक 1872 मृतक अधिवक्ताओं के आश्रितों को 14 करोड़, 75 लाख 22 हजार 112 रुपये का भुगतान किया जा चुका है। 3758 युवा अधिवक्ताओं को तीन वर्ष के लिए पुस्तक-पत्रिका आदि क्रय के लिए एक करोड़ 60 लाख की वित्तीय सहायता स्वीकृत कर उपलब्ध कराई जा चुकी है। चैंबर निर्माण के लिए झांसी, वाराणसी, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, देवरिया, बलरामपुर, गोरखपुर में पैसा रिलीज कर दिया है। प्रयागराज को 11.31 करोड़, कासगंज को 5.25 करोड़, लखनऊ को 4.88 करोड़, श्रावस्ती को 4.85 करोड़ अवमुक्त कर चुके हैं। प्रयागराज उच्च न्यायालय में 10 हजार अधिवक्ताओं के बैठने के लिए मल्टीलेवल पार्किंग कम एडवोकेट चैंबर बनाने की कार्रवाई प्रारंभ की है। इसके लिए 608 करोड़ रुपये स्वीकृत किया है।
सम्मेलन में प्रदेश सरकार के मंत्री रविंद्र जायसवाल, विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी, डॉ. अवधेश सिंह, द सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मुरलीधर सिंह, महामंत्री सुरेंद्र नाथ पांडेय, द बनारस बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश सिंह, महामंत्री कमलेश सिंह, कमिश्नरी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रविशंकर त्रिपाठी, सेल टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद राम त्रिपाठी, इनकम टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्रीप्रकाश गुप्ता, बार कौंसिल सदस्य हरिशकंर सिंह, प्रवीण कुमार त्रिपाठी, विनोद कुमार पांडेय, प्रशांत सिंह अटल आदि मौजूद रहे।
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