Advertisement

CM Yogi ने बस्ती में किया स्मृति ग्रन्थ का लोकार्पण, कहीं ये मुख्य बातें

Share
Advertisement

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज यानी मंगलवार (28 मार्च) को बस्ती जिले के दौरे पर रहे। इस दौरान सीएम योगी ने एडी अकादमी धर्मपुर, दुबौलिया बाजार में आयोजित स्व. डॉ. वाईडी सिंह की स्मृति ग्रन्थ लोकार्पण एवं प्रतिमा अनावरण भी किया। सीएम योगी ने कहा कि डॉक्टर वाईडी सिंह का नाम बस्ती, गोरखपुर और पूर्वांचल के हर शख्स की जुबान पर लंबे समय तक बना रहेगा। इस धरती का सौभाग्य है कि उनका जन्म इस धरा पर हुआ था। बस्ती उनकी जन्मभूमि है जबकि गोरखुपर उनकी कर्म स्थली रही। उन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए गोरखपुर मेडिकल कॉलेज को जो ऊंचाइयां दी वह हम सबके सामने है।

Advertisement

पूर्वी यूपी में उनके जैसा समाजसेवी नहीं

सीएम योगी ने कहा कि डॉ. वाईडी सिंह ने बाल रोग विभाग के अध्यक्ष और फिर प्राचार्य के रूप में पूर्वी उत्तर प्रदेश के लाखों बच्चों के जीवन में एक परिवर्तन करके उन्हें जीने की एक राह दिखाई। उन्हें दिखाने के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन हजारों लोग आते थे। उनको दिखाने के लिए मेरे पास सिफारिश आती थी। पूर्वी उत्तर प्रदेश में उनका जैसा कोई समाजसेवी भी नहीं था।

सीएम योगी ने आगे कहा कि विकसित भारत के निर्माण का सपना हर भारतीय का होना चाहिए। इसके लिए हमें अपनी विरासत का सम्मान करना होगा। बिना भेदभाव-मजहब के अपने कर्तव्यों में लग जाएं। आपने देखा होगा कि सरकार की योजनाएं बिना भेदभाव सबको मिलती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सबका साथ सबका विकास का नारा दिया था। उन्होंने कहा कि हमे जाति और मजहब से ऊपर उठकर देश और उसे विकसित राष्ट्र बनाने के बारे में सोचना है।

महर्षि वशिष्ठ के नाम मेडिकल कॉलेज का नामकरण

सीएम ने कहा कि जब वह वहां से सेवानिवृत हुए तो स्नातक प्रतिनिधि के रूप में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के माध्यम से भी प्रदेश के विकास के लिए उन्होंने आवाज उठाई। लगातार समाजसेवी के रूप में कार्य करते रहे। उनके समय में पूर्वी उत्तर प्रदेश में सरकारी और निजी अस्पताल में उनके जैसी प्रैक्टिस करने वाला कोई चिकित्सक नहीं था, लेकिन उन्हे इसका अंहकार नहीं था। वह पूरी सहजता, शालीनता के साथ सभी कार्यक्रम में अपना योगदान देते थे। ऐसे लोग अपने कार्यों से स्मरणीय बनते हैं। महर्षि वशिष्ठ ने यहीं से राम राज्य की परिकल्पना को साकार करने का जो संकल्प लिया था, उसके माध्यम मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम बने थे इसलिए यहां पर डबल इंजन की सरकार ने महर्षि वशिष्ठ के नाम पर ही मेडिकल कॉलेज का नामकरण किया और वह वर्तमान में क्रियाशील है।

(लखनऊ से लालचंद की रिपोर्ट)

ये भी पढ़ें: Lucknow के बहराइच में भीषण हादसा, बोलेरो और बाइक की भिड़ंत में पिता-पुत्र की मौत

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *