
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी का गुरुवार को राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ। अखिलेश यादव को तीसरी बार अध्यक्ष चुन लिया गया। राजधानी लखनऊ के रमा बाई अम्बेडकर मैदान में आयोजित 11वें राष्ट्रीय सम्मेलन में निर्वाचन अधिकारी प्रो. राम गोपाल यादव ने उनके निर्वाचन की घोषणा की। इस दौरान देश भर से आए डेलीगेट्स और सपा के सभी प्रदेशों के अध्यक्ष भी मौजूद रहे।
राम गोपाल ने कहा कि अखिलेश के नाम का प्रस्ताव माता प्रसाद पांडे, आलम बदी समेत 75 नेताओं ने किया। केवल एक ही नामांकन किया। इसलिए अखिलेश यादव अध्यक्ष चुन लिया गया। वहीं एक दिन पहले बुधवार को आयोजित प्रांतीय सम्मेलन में सपा प्रदेश अध्यक्ष के पद पर निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी कराई गई थी और नरेश उत्तम पटेल एक बार फिर समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए हैं।
अध्यक्ष चुने जाने के बाद अखिलेश यादव ने अपने संबोधन में कहा, “मुझे अध्यक्ष चुनकर आपने जो मुझे पर और भरोसा जताया है। उसके लिये मैं आप सबका बहुत आभारी हूं। ये पद नहीं जिम्मेदारी है और ये ऐसे समय में जिम्मेदारी मिली है जब संविधान और संस्थाएं खतरे में है। जो जिम्मेदारी आपने मुझे दी है, मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि उसपर खरा उतरूंगा। इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए अगर दिन-रात काम करना पड़ेगा, तो मैं दिन-रात काम करुंगा। हम समाजवादियों को अगले 5 साल में नया इतिहास बनाने का काम करना होगा।
2014 में पहली बार अखिलेश राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे
बता दें ये लगातार तीसरी बार है जब अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। सबसे पहले एक जनवरी 2014 को पहली बार वे पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के स्थान पर दल का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। उसके बाद अक्टूबर 2017 में आगरा में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में उन्हें एक बार फिर सर्वसम्मति से पार्टी का अध्यक्ष चुना गया था। अखिलेश यादव सक्रिय राजनीति में 2000 में आए और तब उन्होंने पहला चुनाव लड़ा था।
बीजेपी पर जमकर निशाना साधा
अखिलेश ने इस दौरान बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा काला कृषि कानून लाकर बीजेपी ने जता दिया कि वो किसानों के साथ नहीं है। आंदोलन में सैकड़ों किसानों की जान चली गई और वो शहीद हो गए। बीजेपी ने किसी गरीब का कर्ज माफ नहीं किया है।