उत्तर प्रदेश (Uttar pradesh) की स्कूली शिक्षा व्यवस्था को देश में नंबर एक बनाने को लेकर योगी सरकार ने लक्ष्य निर्धारित किया है। नीति आयोग द्वारा जारी स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स (S.Q.I) और परफॉर्मेंस ग्रेड इंडेक्स (P.G.I.) में प्रदेश को प्रथम स्थान पर लाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देशित किया है।
हर विद्यार्थी पर 35 हजार का सालाना खर्च
उत्तर प्रदेश में कुल 1.41 लाख परिषदीय व माध्यमिक विद्यालय हैं, जिनमें तकरीबन 2.37 करोड़ विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। योगी सरकार की ओर से इस वित्तीय वर्ष में 83 हजार करोड़ रुपए शिक्षा पर खर्च किये जा रहे हैं। प्रति छात्र के हिसाब से देखें तो ये धनराशि 35 हजार रुपये सालाना है।
स्कूली कायाकल्प के लिए खर्च होने हैं 11 हजार करोड़
योगी सरकार का अगला बड़ा लक्ष्य 2026 तक प्रदेश के 5760 विद्यालयों को विश्वस्तरीय अध्ययन सुविधाओं से जोड़ते हुए यूपी को शिक्षा के क्षेत्र में निपुण प्रदेश घोषित करने पर है। प्रदेश सरकार की ओर से स्कूलों के कायाकल्प के लिए 11 हजार करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की जानी है। इसमें से 5500 करोड़ रुपये राज्य/केंद्र वित्त आयोग, 3900 करोड़ रुपये राज्य निधि, 450 करोड़ रुपये जल जीवन मिशन, 415 करोड़ रुपये नगर निकाय, 250 करोड़ रुपये सीएसआर फंड और 20 करोड़ रुपये जिला खनिज निधि से प्राप्त किए जाएंगे।
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