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Sitamarahi: तथ्य छुपाकर लड़ीं चुनाव, बनीं पार्षद, जांच के बाद छिन गई कुर्सी

Sursand News

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Sursand News: नगर पंचायत सुरसंड के वार्ड नंबर 11 की उषा देवी से वार्ड पार्षद की कुर्सी छिन गई है. आरोप है कि चुनाव लड़ने के दौरान वह तीन बच्चों की मां थीं, इस सच्चाई को छुपा लिया था। नामांकन के क्रम में कागजातों पर दो बच्चों का ही उल्लेख किया था. अब इस मामले में खुलासा हुआ है।  उन्हें वार्ड पार्षद की कुर्सी से हाथ धोना पड़ गया है. उनके खिलाफ राज्य निर्वाचन को शिकायत मिली थी. सुनवाई के बाद शिकायत को सच मानकर राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. दीपक प्रसाद ने उषा देवी को पदच्युत कर दिया है। जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम को तथ्य छुपाकर चुनाव लड़ने के आरोप में उषा देवी के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई करने को कहा है।

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क्या है पूरा मामला

बताया गया है कि सुरसंड उत्तरी पंचायत के वार्ड 14 निवासी रामनरेश ने आयोग से शिकायत की थी कि उषा देवी को चार अप्रैल 2008 के बाद तीन बच्चे थे. कहा गया कि तीन बच्चों वाली अभ्यर्थी चुनाव नहीं लड़ सकती हैं। इस तथ्य को उषा देवी ने छुपा लिया था. सुनवाई के दौरान जिला प्रशासन की ओर से डीपीआरओ उपेंद्र पंडित ने तथ्यों को उपलब्ध कराया था. रामनरेश के अधिवक्ता ने आयोग को बताया कि चुनाव के दौरान इसकी जानकारी देने के बावजूद निर्वाची अधिकारी द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया गया था।

बताया कि उषा देवी की पुत्री सोनी कुमारी और पुत्र आयुष कुमार का जन्म भी 4 अप्रैल 2008 के बाद हुआ था। इसके सबूत के तौर पर आधार कार्ड प्रस्तुत किया गया। इसमें सोनी का जन्म 30 अगस्त 2017 व आयुष का जन्म 29 मार्च 2019 अंकित है। रामनरेश की ओर से दोनों बच्चों का पीएचसी में जन्म के कागजात भी प्रस्तुत किए गए. पीएचसी के कागजात व आधार कार्ड में जन्मतिथि एक समान पाई गई. तीसरी संतान लाल मोहन है जिसकी जन्म तिथि 11 जनवरी 2016 है।

आंगनबाड़ी केंद्र के भी कागजात सबूत बने

रामनरेश ने आयोग को आंगनबाड़ी केंद्र पर तीन बच्चों के नामांकन से संबंधित कागजात भी प्रस्तुत किए था. जिसमें तीनों बच्चों के माता के रूप में उषा देवी व पिता का नाम जयलाल मुखिया दर्ज है. केंद्र पर तीनों का नामांकन क्रमशः मई 23 जून 2023 और जुलाई 2021 में हुआ था। उषा देवी की ओर से तर्क दिया गया था कि तीनों बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र को फर्जी क्रिएट किया गया है हालांकि वह सबूत नहीं सौंप सकीं। उनके इस तर्क को आयोग द्वारा खारिज कर दिया गया.

महिला पर्यवेक्षिका और पीएचसी के प्रभारी ने भी प्रतिवेदन दिया था जिसमें कॉट ऑफ डेट 4 अप्रैल 2008 के बाद तीनों बच्चों के जन्म होने की पुष्टि हुई है. सुनवाई के बाद आयोग ने उषा देवी को वार्ड पार्षद के पद से पद मुक्त करने के साथ ही डीएम को गलत हलफनामा और तथ्य छुपाने को लेकर धारा 477 व अन्य सुसंगत धाराओं के तहत उषा देवी के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।

रिपोर्टः आनंद बिहारी सिंह, संवाददाता, सीतामढ़ी, बिहार

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