Rajasthan Election 2023: राजस्थान विधानसभा की चुनावी रणभूमि में विजय प्राप्त करने के लिए कांग्रेस और भाजपा ने कमर कस ली है। दोनों ही पार्टियां जनता को साधने की पूरी कोशिश कर रही हैं। एक तरफ कांग्रेस ने सत्ता में वापसी करने के लिए 8 चुनावी कमेटी गठित की हैं तो वहीं बीजेपी ने भी गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बीजेपी कांग्रेस को घेरने के लिए राजस्थान में परिवर्तन यात्रा निकाल रही है। यूं तो भाजपा सत्ताधारी पार्टी को निशाना बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है लेकिन फिर भी बीजेपी को पार्टी में बगावत का डर सता रहा है। चुनाव सर पर है लेकिन बीजेपी में गृहकलेश थमता नहीं दिख रहा है। वो कैसे आइए आपको समझाते हैं।
दरअसल इस साल के आखिर में राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में भी चुनाव होना है। दोनों ही पार्टियों का मेन फोकस राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ पर है। बता दें कि भाजपा ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। लेकिन राजस्थान में अभी तक कैंडिडेट के नामों का ऐलान नहीं किया है। ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा को पार्टी में बगावत का डर सता रहा है। कभी चुनावी मैदान में पार्टी को जीत दिलाने वाले नेता पाला ना बदल लें।
अगर ऐसा होता है तो इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया सबसे बड़ा फैक्टर साबित हो सकती हैं। दरअसल राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने दो अहम समितियों का गठन किया है। इनमें प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति और प्रदेश संकल्प पत्र समिति शामिल हैं। भारतीय जनता पार्टी ने अपने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को संकल्प पत्र समिति का संयोजक नियुक्त किया है। वहीं, दूसरी ओर पूर्व सांसद नारायण पंचारिया को चुनाव प्रबंधन कमेटी का संयोजक बनाया गया है। हालांकि वसुंधरा राजे को किसी भी कमेटी में जगह नहीं दी गई है। यही वजह है कि राजे के समर्थक पार्टी आलाकमान से नाराज हैं। ऐसे में पार्टी आलाकमान के सामने सबसे बड़ी चुनौती वसुंधरा कैंप को साधने की है। ऐसा माना जा रहा है कि वसुंधरा राजे के समर्थकों को टिकट न मिलने पर बवाल हो सकता है।
बीजेपी आलाकमान ने इस बार अपने लिए कमजोर मानी जाने वाली सीटों पर चुनाव की घोषणा से पहले ही उम्मीदवारों के नाम घोषित करने का फैसला किया है और इसी रणनीति के तहत पार्टी ने पिछले महीने 17 अगस्त को छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए 21 और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 39 उम्मीदवारों के नाम की पहली लिस्ट जारी कर दी थी। लेकिन राजस्थान के लिस्ट फाइनल नहीं हो पाई। राजस्थान में भी ऐसी सीटें है जहां से बीजेपी लगातार हारती रही है। लेकिन इसके बावजूद बीजेपी ने प्रत्याशी घोषित नहीं किए है। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या भाजपा वसुंधरा राजे के समर्थकों को मनाने के लिए कोई खास दांवपेच खेलेगी या फिर बैकफुट पर रहकर ही उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करेगी।
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