राजस्थान में कांग्रेस ने अपनी पहली जबकि बीजेपी ने दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। कांग्रेस ने सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सरदारपुरा से, पूर्व डिप्टी CM सचिन पायलट को टोंक से टिकट दिया है। पायलट फिलहाल टोंक से ही विधायक हैं। वहीं बीजेपी की कद्दावर नेता जिनको टिकट मिलने को लेकर सस्पेंस बना हुआ था वो भी दूर हो गया। आलाकमान ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया को उनके गढ़ झालरापाटन से टिकट दिया है।
राजस्थान में सत्ता किसकी बनेगी ये 3 दिसंबर को सबके सामने होगा लेकिन प्रदेश के इन तीनों बड़े नेताओं को टिकट मिलने से ये तो साफ़ हो गया है कि CM कुर्सी की रेस में तीनों कद्दावर नेता शामिल हैं। यानि अगर कांग्रेस सत्ता में वापसी करती है तो ज़ाहिर है कि एक बार फिर हमें गहलोत और पायलट के बीच मुख्यमंत्री सीट को लेकर घमासान देखने को मिल सकता है। क्योंकि गहलोत कुर्सी छोड़ने वालों में से नहीं है और ना ही सचिन पायलट पीछे हटने वालों में से… कांग्रेस के पास इन दोनों के अलावा सीएम पद के लिए कोई अन्य बड़ा चेहरा भी नहीं है।
अब BJP की बात करते हैं.. वसुंधरा राजे को टिकट मिलने से, CM पद को लेकर चल रही अटकलों पर भी विराम लग गया है। राजनीतिक गलियारों में ऐसी अटकलें ज़ोरों से चल रही थी कि दीया कुमारी को पार्टी मुख्यमंत्री चेहरे के तौर पर देख रही है। भविष्य के लिए इसे माना जा सकता है लेकिन जब तक मैदान में वसुंधरा है, वो अपने रहते किसी अन्य को मुख्यमंत्री नहीं बनने देंगी। क्योंकि प्रदेश की राजनीति में वसुंधरा का वर्चस्व सबसे प्रबल है, उनका वोट बैंक भी अन्य के मुकाबले सबसे दमदार है। और एक सर्वे के अनुसार वो BJP की CM फेस में जनता की पहली पसंद है।
राजस्थान के उदयपुर में दर्ज़ी कन्हैया लाल का सर तन से जुदा वाली घटना हो या फिर जोधपुर और करौली हिंसा की घटना… राजस्थान की जनता इसे भूली नहीं है। घटना में शामिल आरोपियों ने वीडियो जारी कर PM मोदी को भी जान से मारने की धमकी दी थी। इन सबके बावजूद गहलोत प्रदेश में कानून व्यवस्था को मज़बूत नहीं बना पाए थे, ये सब जनता भूली नहीं है। कांग्रेस की छवि मुस्लिम समर्थक रही है और राजस्थान में हुई बड़ी हिंसा के बाद से जनता डरी हुई, सहमी हुई खुद को महसूस कर रही थी। इसलिए जनता इस बार BJP को फतह कराना चाहेगी।
महिला सुरक्षा की बात करें तो NCRB के आंकड़ों के मुताबिक़ राजस्थान नंबर 1 पर है। किसमें नंबर 1 ? तो बता दें कि महिलाओं के साथ दुष्कर्म की वारदातों में राजस्थान को देश में नंबर 1 होने का टैग मिला था। राजस्थान में बीते कुछ सालों से बढ़ते अपराध हो, ढीली कानून व्यवस्था या पेपर लीक के एक के बाद एक मामले, या फिर किसानों का बिजली बिल माफ़ नहीं करना.. ये कुछ बड़े मामले हैं जो गहलोत के रहते प्रदेश में हुए हैं… महिला से लेकर स्टूडेंट और किसान सब परेशान है। इन मामलों को देखते हुए हो सकता है कि राजस्थान की जनता प्रदेश में अपनी परम्परा को बरकरार रखें और इस बार कांग्रेस के हाथ से सत्ता लेकर प्रदेश में कांग्रेस का फूल खिला डालें।
राजस्थान में 25 नवंबर को चुनाव होने हैं, 3 दिसंबर का दिन तय करेगा किसकी होगी पट और किसका होगा किंग…क्योंकि 24 के किंगमेकर में राजस्थान विधानसभा चुनाव के परिणाम महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
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