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Rajasthan: बारिश, ओलावृष्टि से खड़ी फसलें बर्बाद, किसान बेहाल

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Rajasthan: राजस्थान में बारिश और ओलावृष्टि ने राज्य भर के खेतों में खड़ी फसलों को नष्ट कर दिया है, जिससे कई किसान अपने नुकसान से परेशान हैं। जानकारों का कहना है कि अप्रैल के पहले हफ्ते में मौसम में फिर बदलाव हो सकता है। शुक्रवार देर रात आंधी के साथ ओलावृष्टि ने उत्तरपूर्वी राजस्थान में कई स्थानों को बरबाद कर दिया। आपको बता दें कि अलवर, झुंझुनू, गंगानगर, हनुमानगढ़, चुरू और बीकानेर में भारी ओलावृष्टि हुई।

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श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चली, जिससे बड़ी मात्रा में फसल का नुकसान हुआ। झुंझुनू के बुहाना और श्रीगंगानगर के हिंदूमालकोट समेत कई जगहों पर एक इंच से ज्यादा बारिश हुई। झुंझुनूं में ओलावृष्टि से वहां की खाली जमीन पर बर्फ की मोटी सफेद परत फैल गई।

बीकानेर के लूणकरणसर में तेज ओलावृष्टि से करीब 80 फीसदी चना और सरसों की फसल बर्बाद हो गई। बड़े आकार के ओलों ने सरसों के दानों को नुकसाम पहुंचाया है। बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं और जौ की फसल को भी नुकसान हुआ है और नुकसान का आकलन कर किसानों को मुआवजा देने की राज्य सरकार से मांग उठ रही है।

ओलावृष्टि से राजस्थान में सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला दूसरा जिला अलवर है। अलवर के राजगढ़, तहला और थानागाजी के आसपास कई स्थानों पर करीब एक फुट ऊंचे ओलों के ढेर लगे देखे गए, जिससे खड़ी फसल के साथ-साथ खेतों से कटी हुई फसल भी नष्ट हो गई।

राजगढ़ के विधायक जौहरी लाल मीणा कहते हैं, “कई जगहों पर 100 फीसदी फसल खराब हो गई है। कुछ नहीं बचा। इतने ओले गिरे थे कि दूसरे दिन भी खेतों में पड़े मिले।”

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिलाधिकारी को किसानों के नुकसान का आकलन कर नियमानुसार मुआवजा देने के निर्देश दिये। जिला कलक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने ओलावृष्टि प्रभावित क्षेत्र में फसल क्षति की तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करने और नियमानुसार मुआवजा वितरित करने के लिए संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी, तहसीलदार को निर्देशित किया है। उन्होंने निर्देश दिया है कि नुकसान का आकलन करने के लिए टीमें सर्वे का काम करें।

भाजपा के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि ओलावृष्टि और बारिश के कारण शेखावाटी और पूर्वी राजस्थान सहित राज्य के विभिन्न इलाकों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने गेहोट से आग्रह किया कि फसलों के नुकसान का आंकलन तत्काल कराकर निश्चित समयावधि में किसानों को मुआवजा सुनिश्चित किया जाए, ताकि किसानों को सहयोग मिल सके।

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