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पंजाब के पूर्व हेल्थ सचिव अजॉय शर्मा के ऊपर करप्शन के बड़े आरोप, अपनों को दिए टेंडर, मशीनों की खरीद में भी की गड़बड़ी

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पंजाब स्वास्थ्य सचिव अजॉय  शर्मा को उनके पद से हटा दिया गया है। उनके ऊपर करप्शन के बड़े आरोप लगे हैं।  शर्मा पर बड़े अस्पतालों में मशीन की खरीद फरोख्त में हेरा फेरी के आरोप लगे हैं। बता दें कि पंजाब सरकार ने दो दिन पहले ही पूर्व आईएएस अधिकारी अजोए शर्मा को हेल्थ सचिव के पद से हटा दिया था।

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1999 बैच के आईएएस अधिकारी, शर्मा की 2022 में नई सरकार के गठन के तीन महीने के भीतर 100 से अधिक आम आदमी क्लीनिक शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका थी क्योंकि उनके पास वित्त आयुक्त, कराधान का अतिरिक्त प्रभार था। हालांकि आरोपों के मुताबिक उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को ठीक नहीं निभाया बल्कि पद का दुरूपयोग करते हुए बड़े स्तर पर करप्शन किया।

सूत्रों के अनुसार अपने पद का फायदा उठाते हुए अजोय शर्मा ने बड़ी मशीनों की खरीद फरोख्त करते समय अपने करीबियों को फायदा पहुंचाया और मनमाने ढंग से टेंडर अलॉट कर डाले। सूत्रों के अनुसार सीएम भगवंत मान सरकार ने उन्हें अहम जिम्मेदारी दी थी लेकिन उन्होंने भरोसे पर खड़ा उतरने की बजाय जनता के पैसे से करप्शन का खेल करने की सोची। काफी समय से उनकी गलत हरकतों पर सरकार की पैनी नजर थी।

सूत्रों ने खुलासा किया कि उन्होंने हाल ही में एक बैठक में मुख्य सचिव विजय कुमार जंजुआ के साथ बदजुबानी भी की थी। इसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए उनको पद से हटा दिया गया और उनका विभाग से तबादला कर दिया गया। दूसरी तरफ भ्रष्टाचार के मामले में पद से हटने के बाद अब अजॉय शर्मा अपने छवि को अच्छा दिखाने के लिए मीडिया में अपने ट्रांसफर की वजह सरकार के प्रचार के खर्च को पारित नहीं करना बता रहे हैं। हालांकि इन दावों को साबित करने के लिए उनके पास कोई भी सबूत नहीं थे।

स्वतंत्रता सेनानी प्रमुख सचिव वीरेंद्र कुमार मीणा को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण का प्रभार दिया गया है। साथ ही योजना प्रमुख सचिव विकास प्रताप को वित्त आयुक्त कराधान का प्रभार दिया गया है।

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