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केन्द्र के अध्यादेश पर भड़के भगवंत मान, बोले-‘लोकतंत्र के कत्ल के लिए बीजेपी जिम्मेदार’

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दिल्ली में आईएएस अधिकारियों की कमान सरकार की अपेक्षा राज्यपाल को सौंपने संबंधी केंद्र सरकार की ओर से लाए गए आर्डिनेंस के खिलाफ पंजाब की राजनीति गरमा गई है। इस मामले में अब पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से लेकर पूरी कैबिनेट उतर आई है। सभी ने केंद्र के खिलाफ जुबानी हमला बोला है। 

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सीएम ने ट्वीट में लिखा है कि अगर 30-31 राज्यपाल और एक प्रधानमंत्री मिलकर देश को चला रहे हैं तो मतदान के लिए करोड़ों-अरबों रुपये खर्च करने का क्या फायदा है। शनिवार को केंद्र सरकार के आर्डिनेंस के खिलाफ दिल्ली से लेकर पंजाब तक आप के नेता संघर्ष की राह पर थे। इस मौके मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दोपहर में एक ट्वीट किया। 

इसमें उन्होंने लिखा है कि अगर भारतीय संविधान में लोकतंत्र के कातिलों को सजा का प्रावधान होता तो पूरी भाजपा को फांसी की सजा हो सकती थी। इसके हजारों लोगों ने कुछ ही समय में शेयर और लाइक किया। 

इसी तरह आप नेता व राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने ट्वीट कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की सांविधानिक पीठ के सर्व सहमति के फैसले को एक राजनीतिक आर्डिनेंस लाकर पलटने का दुस्साहस केंद्र सरकार ने किया है। यह आर्डिनेंस देश के संघीय ढांचे और चुनी सरकार की शक्तियों को तार-तार करता है। यह सुप्रीम कोर्ट और जनता के जनादेश, दोनों की अवमानना है। 

वहीं पंचायत मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने ट्वीट कर कहा कि मोदी सरकार अब सुप्रीम कोर्ट और जनता के जनादेश के फैसले को भी मानने से इन्कार कर रही है। जब सर्वोच्च अदालत ने कह दिया है कि दिल्ली को चुनी हुई सरकार चलाएगी और लेफ्टिनेंट गवर्नर को उनके फैसले मानने होंगे तो आर्डिनेंस लाकर अदालत के फैसले को पलट दिया। 

भाजपा लोकतंत्र की हत्यारी है। आप नेता व पंजाब के शिक्षामंत्री हरजोत बैंस का कहना है कि केंद्र सरकार का यह अध्यादेश हमारे संविधान के मूल ढांचे और भावना पर सीधा हमला है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को दिल्ली सरकार के अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार का दिया था। 

लेकिन इसके बाद केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को उलट दिया। दरअसल, केंद्र सरकार ने जो अध्यादेश जारी किया है उसके मुताबिक दिल्ली सरकार अधिकारियों की पोस्टिंग पर फैसला जरूर ले सकती है, लेकिन अंतिम मुहर उपराज्यपाल ही लगाएंगे। मुख्यमंत्री तबादले का फैसला अकेले नहीं कर सकेंगे।

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