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Hijab Row: कर्नाटक में हिजाब पर क्यों हंगामा है बरपा?…शिमोगा में लहराया गया भगवा…वीडियो का सच क्या?

हिजाब
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कर्नाटक में हिजाब का मामला गरमा रहा है. स्कूली और शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने के मामले की एंट्री अब संसद में भी हो चुकी है. वहीं दूसरी तरफ आरोप है कि एक शैक्षिणक संस्था में विरोध के स्वरूप में तिरंगे की जगह भगवा लहरा दिया गया. इसी को लेकर कई वीडियो भी अब सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो रहे है.

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मामले को लेकर कर्नाटक में विपक्षी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार का बयान भी सामने आया. उन्होंने सरकार को एक हफ्ते तक शैक्षिणक संस्थान बंद रखने का सुझाव दिया है. दरअसल, जनवरी के महीने में इस विवाद की शुरूआत हुई. जहां एक प्राइवेट कॉलेज में कुछ छात्राओं ने हिजाब पहनकर प्रवेश करने की कोशिश की. जबकि उस समय कॉलेज प्रशासन ने परिसर में हिजाब को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने के आदेश दिए थे.

हिजाब का समर्थन कर रही मुस्लिम छात्राओं की मानें, तो वो पहले भी हिजाब पहनकर पढ़ाई करती थी. तब इसे लेकर कोई विरोध नहीं हुआ था. लेकिन इससे इतर हिजाब का विरोध कर रहे लोगों ने कहा कि, शिक्षा का यूनिफॉर्म से कोई लेना-देना नहीं है. इसे सभी के लिए एक समान होना चाहिए.

वायरल वीडियो को लेकर विवाद क्यों?

हिजाब को लेकर लगातार हो रहे विरोध के बीच शिमोगा से एक वीडियो सामने आया. जहां एक युवक भगवा झंडा लेकर पोल पर चढ़ गया. पोल के नीचे खड़े उसके दोस्त समर्थन में हुटिंग भी करते दिखाई दिए. बता दें कि ये घटना तब पेश आई. जब ज़िले में सुबह से ही सामने आ रही पत्थरबाजी की घटनाओं को देखते हुए धारा 144 लगा दी गई है. इसके साथ ही स्कूल और कॉलेजों को भी निर्देश दे दिए गए है कि वो फिलहाल 2-3 दिनों की छुट्टी की घोषणा कर सकते है. वायरल हो रहे वीडियो में एक धर्म के समर्थन में नारेबाजी भी की जा रही है. अब ये वीडियो सोशल मीडिया पर हॉट-टॉपिक बन गया है.

कर्नाटक सरकार ने क्या लिया एक्शन?

मामले ने पूरे राज्यभर में सियासत को गर्मा दिया है. कर्नाटक की बोम्मई सरकार ने इसी को लेकर सख्त तेवर दिखाए हैं और राज्य में Karnataka Education Act-1983 की धारा 133 लागू कर दी. जिसके बाद से ही अब स्कूल और कॉलेजों में यूनिफॉर्म को अनिवार्य कर दिया गया है. सरकारी स्कूल और कॉलेजों में छात्रों के लिए तय यूनिफॉर्म को पहनना अनिवार्य होगा. वहीं प्राइवेट शिक्षण संस्थानों को भी खुद के लिए यूनिफॉर्म रखने के लिए छूट दी गई है.

स्टोरी: अमल

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