भारत के चीता प्रोजेक्ट पर आया नामीबिया के संगठन का बयान, कह दी यह बड़ा बात

केंद्र की मोदी सरकार देश में चीतों को फिर से बसाने की कोशिशें कर रही है। देश में चलाई जा रही चीता परियोजना मदद कर रहे नामीबिया के संगठन चीता कंजर्वेशन फंड का कहना है कि भारत में चीतों को बसाने का काम बेहतर ढंग से किया जा रहा है। चीतों को भेजे जाने से पहले लगाए गए अनुमान के मुकाबले भारत की चीता परियोजना बहुत बेहतर ढंग से चल रही है। हालांकि संगठन ने भारतीय प्रशासन को सतर्क करते हुए यह भी कहा है कि मध्यप्रेदश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान के खुले क्षेत्रों में बाकी चीतों को भी छोड़े जाने के बाद और चुनौतियां सामने आएंगी।
नामीबिया से भारत लाए गए चीतों के स्वास्थ्य और कल्याण को लेकर लोगों में पनपी चिंताओं के बीच आए सीसीएफ का यह बयान आया है। सीसीएफ का कहना है कि चीता परियोजना को सफल बताना अभी जल्दीबाजी होगी, लेकिन अभी तक चीतों ने भारत में जीवित रहने की अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया है। अभी रास्ता बहुत लंबा है जिसमें कई झटके भी लगेंगे। अफ्रीका में लंबे समय से चल रही चीता संरक्षण परियोजना के अनुभवों के आधार पर सीसीएफ कह सकता है कि भारत में चीजें सही दिशा में जा रही है।
आपको बता दें कि केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने सोमवार को ट्वीट कर कहा- चीतों के साथ काम करने के 33 साल लंबे अनुभवों के साथ, नामीबिया का चीता कंजर्वेशन फंड भारत में चीता परियोजना की दीर्घकालिक सफलता को लेकर आशान्वित है। सीसीएफ का कहना है कि चीता परियोजना सही दिशा में आगे बढ़ रही है। कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पिछले तीन महीनों में तीन वयस्क चीतों और शावकों की मौत के बाद केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने पिछले हफ्ते कहा था कि जो कुछ हुआ है, हम उसकी जिम्मेदारी लेते हैं।