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MP News: तीन बच्चों की विधवा मां फिर से बनीं दुल्हन, मंडप में दिखा गजब का सीन

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छतरपुर: एमपी के छतरपुर जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के माध्यम से नगर पालिका ने सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया। इस आयोजन में 2 पुनर्विवाह, 1 निकाह सहित 38 बेटियों की शादियां कराई गईं। प्रांगण में वेदमंत्रों के साथ 37 विवाह आयोजित हुए तो वहीं, मौलवी ने 1 मुस्लिम बेटी सना खातून का निकाह भी पढ़ाया। इस दौरान एक महिला का पुनर्विवाह कराया गया। दरअसल, महिला के पति की मौत हो गई थी। महिला अपने तीन बच्चों के साथ शादी करने के लिए मंडप में पहुंची। महिला के परिजन दूसरी शादी के खिलाफ थे। महिला की सच्चाई जानने के बाद दूल्हे अज्जू कुशवाहा ने महिला से शादी का प्रस्ताव दिया था। जिसे महिला ने स्वीकार कर लिया।

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पति की मौत के बाद बनीं फिर से दुल्हन

पनागर निवासी सुशीला कुशवाहा की शादी लखनगुवां निवासी अज्जू कुशवाहा के साथ हुई। अज्जू कुशवाहा को एक महीने पहले सुशीला से प्रेम हो गया था। उसके बाद उसने उससे शादी करने का फैसला किया था। महिला ने जब लड़के के बारे में अपने परिजनों को जानकारी दी तो वो इस शादी के खिलाफ थे। परिवार के खिलाफ जाकर महिला ने अज्जू से शादी की।

बच्चों को स्वीकार करने का किया वादा

सुशीला की मुलाकात 1 महीने पहले लखनगुवां निवासी अज्जू कुशवाहा से हुई थी। दोनों के गांव की दूरी करीब 8 किमी है। सुशीला ने अज्जू को अपनी कहानी सुनाई थी। जिसके बाद अज्जू ने महिला से वादा किया किया की वो शादी के बाद बच्चों को अपना लेगा। अज्जू की शादी नहीं हो रही थी जिस कारण वो सुशीला से शादी करना चाहता था। दोनों में आपसी सहमति बनी और अज्जू ने उसे उसके बच्चों सहित उसे स्वीकारने की बात कही। जिसके बाद शादी का फैसला लिया।

पति ने किया था सुसाइड

तीन महीने पहले सुशीला कुशवाहा के पहले पति ने जहर पीकर आत्महत्या कर ली थी। पारिवारिक विवाद और कर्ज के चलते पति परेशान रहता था। जिस कारण उसने जहर पीकर आत्महत्या कर ली थी। पति की मौत के बाद सुशीला अपने 3 बच्चों के साथ अकेली हो गईं थी।

परिजन थे नाराज

सुशीला ने जब अज्जू के बारे में अपने परिजनों से बात की तो सभी परिजन नाराज थे। वो इस शादी के खिलाफ थे। सुशीला परिवार वालों के मर्जी के खिलाफ जाकर शादी करने का फैसला किया। शादी के लिए मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना के लिए रजिस्ट्रेशन कराया और फिर शादी के बंधन में बंध गई। इस दौरान सुशीला के घर वाले शादी में शामिल नहीं हुए जबकि अज्जू के परिवार वाले शामिल थे।

मुझे कोई मलाल नहीं

इस शादी के बाद दोनों खुश हैं। शादी के बाद दोनों को प्रमाण पत्र दिए गए। शादी के बाद अज्जू ने कहा कि सुशीला के शादीशुदा और विधवा होने से कोई गुरेज और मलाल नहीं था। मैंने सुशीला को उसके तीनों बच्चों के साथ स्वीकार किया है। इस शादी के बाद एक विधवा के जीवन में फिर से खुशियां आ गई हैं।

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