MP News: दुनिया के पालनहार भगवान पड़े बीमार, जानें जगन्नाथ स्वामी प्राचीन मंदिर की कहानी
MP News: क्या आपने कभी सुना है कि दुनिया के पालनहार भगवान खुद भी कभी बीमार पड़ जाते हैं। सुनकर भले ही अजीब लग रहा होगा। लेकिन इस संसार में भगवान भी बीमार हो जाते है जी हां, हम बात कर रहे है पन्ना के भगवान जगन्नाथ स्वामी जी की जो आज से 15 दिनों के लिये लू लगने से बीमार हो गए है। जिससे अब 15 दिनों के लिए भगवान जगन्नाथ स्वामी मंदिर के पट बंद कर दिए गए है। पुरी की तर्ज पर मंदिरों की नगरी पन्ना में भगवान जगन्नाथ स्वामी जी रथयात्रा का कार्यक्रम 150 वर्षों से ज्यादा समय से होता चला आ रहा है।
पन्ना जिले में भगवान जगन्नाथ स्वामी जी प्राचीन मंदिर है जहां पर भगवान जगन्नाथ स्वामी अपनी बहन सुभद्रा,एवं भाई बलभद्र के साथ विराजमान है। मंदिरों की नगरी पन्ना में भगवान जगन्नाथ स्वामी जी मंदिर में रथयात्रा का कार्यक्रम बड़े धूमधाम हर्षोल्लास के साथ 150 वर्ष पहले से मनाने की परंपरा चली आ रही है। लेकिन रथयात्रा के पहले भगवान को लू लग जाने से बीमार पड़ जाते है। भगवान जगन्नाथ स्वामी जी को धूप में स्नान कराने से लू लग जाती है।जिसके चलते वे बीमार हो गए है।
भगवान जगन्नाथ स्वामी मंदिर में आज के दिन सुबह राज परिवार की उपस्थिति में भगवान के स्नान यात्रा की रस्म अदायगी की गई। इसी के साथ ऐतिहासिक रथ यात्रा महोत्सव का आगाज भी हो जाता है। बीमार भगवान को ठीक करने के लिए भक्त प्रार्थना करते है। सबसे पहले भगवान को मंदिर के गर्भगृह से भगवान को बाहर लाया जाता है। यहां वैदिक मंत्रोच्चार के साथ औषधीय जल से भगवान को स्नान कराया जाता है। इसी दौरान लू लगने से भगवान बीमार पड़ गए इससे उनकी दिनचर्या और भोजन व्यवस्था भी बदल दी जाती है।
भगवान जगन्नाथ को लेकर लोगों की मान्यता
मान्यता है कि ठीक होने तक उन्हें प्रतिदिन वैद्य द्वारा दवा देने की परंपरा भी निभाई जाती है। इस दौरान मंदिर के कपाट भक्तों के लिए बंद रहेंगे। मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के 36 वर्ष बाद पन्ना में भी आषाढ़ शुक्ल की द्वितीया को जगन्नाथ जी की रथयात्रा निकालने की शुरुआत हुई। बीते करीब 170 वर्षो से रथयात्रा निकालने का सिलसिला यहां अनवरत चला आ रहा है। इस रथ यात्रा में हजारों की भीड़ के साथ घोड़े-हाथी, ऊंट की सवारी निकलती है।
रिपोर्ट- अमर सिंह
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