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MP News: दिग्विजय सिंह का केंद्र पर हमला, कहा- भारत में सरकार चला रही चीन और रूस जैसी डिक्टेटरशिप

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MP Politics: मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह राजधानी भोपाल में यूथ कॉन्फ्रेंस के कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां उन्होंने यूथ कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए लोकतंत्र को बचाने में युवाओं की भूमिका के विषय पर अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंने भारत सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया उन्होंने कहा कि भारत के अंदर भी चीन और रूस जैसी डिक्टेटरशिप चल रही है।

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लोकतंत्र के नाम पर डिक्टेटरशिप चलाई जा रही है

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा, “जब नरेंद्र मोदी ने विदेशों में जाकर पूर्व की सरकारों के खिलाफ भाषण दिया तो हमने कभी नहीं कहा कि माफी मांगिए लेकिन अडानी के प्रकरण में संसद में चर्चा ना हो इसलिए संसद चलने नहीं दी जा रही माइक ऑफ कर दिया जाता है। सदन स्थगित कर दिया जाता है। इनको ना लोकतंत्र पर भरोसा है और ना ही भारत के संविधान पर यह केवल एक ही तंत्र के हिमायती हैं कुल मिलाकर देश में लोकतंत्र के नाम पर डिक्टेटरशिप चलाई जा रही है।”

देश में बढ़ रही बेरोजगारी’

पूर्व सीएम ने कहा, “डिक्टेटरशिप के कई उदाहरण इस वक्त देश में देखे जा रहे हैं। अनुसूचित जाति और जनजाति के उपयोग में लाए जाने वाले बजट को केवल बड़े बड़े आयोजनों में खर्च किया जा रहा है, जिसमें आदिवासी जनजाति के भाइयों बहनों को भाषण सुना कर काम चला दिया जाता है। देश के अंदर बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है।”

ये डिक्टेटरशिप वाला राज’

दिग्विजय सिंह ने आगे कहा, “विंकलांग के पद खाली पड़े हैं नियुक्तियां नहीं हो रही है हमने अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों को पट्टे दिए थे वह भी निरस्त कर दिए गए हैं। साथियों ने मध्य प्रदेश की न्याय व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए है।” पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर के महू में आदिवासी युवती की मौत के मामले में पुलिस एफआईआर लिखने से मना कर देती है और कहती है कि युवती की मौत करंट से हुई है पोस्टमार्टम नहीं होता है जब आदिवासी युवक घेराव करते हैं तो गोलियां चलाई जाती है। कुल मिलाकर यह बीजेपी का राज डिक्टेटरशिप वाला है।

मुझे राजा साहब न कहा जाए’

वहीं साथ ही साथ अपने नाम के साथ बार-बार राजा साहब संबोधन लगाने पर भी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आपत्ति जताई। उन्होंने मंच से कहा। “मैं लोकतंत्र का प्रतीक हूं राजतंत्र का नहीं। इसीलिए जब वक्ता मेरे नाम के साथ राजा साहब लगाते हैं तो मुझे आपत्ति है। मुझे राजा साहब ना कहा जाए।”

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