और चीतों की होगी मौत, साउथ अफ्रीकी एक्सपर्ट ने बजाई खतरे की घंटी

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मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से गुरूवार को एक दुख की खबर सामने आई। मार्च में जन्मे चार शावकों में से दो की मौत हो गई है। आपको बता दें कि एक शावक की मौत 23 मई को हो गई थी। इस तरह अब चार हिंदुस्तानी चीतीं में से केवल एक ही जिंदा बचा है। कूनो के अधिकारियों ने बताया कि चौथे शावक की स्थिति भी गंभीर बनी हुई है। गौरतलब है कि कूनो में 20 चीते नामीबिया और साउथ अफ्रीका से लाए गए थे। इनमें से तीन चीतों की मौत हो चुकी है। वहीं, ज्वाला नाम की एक मादा चीता ने जिन शावकों को जन्म दिया था। उनमें से भी तीन की मौत हो गई।

इस तरह अब तक कुल 6 चीतों की एक मादा चीता ने जिन चार शावकों को जन्म दिया था उनमें से भी तीन की मौत हो गई है। इस तरह कुल 6 चीतों की मौत के बाद कूनो में हड़कंप मच गया है। ऐसे में साउथ अफ्रीका के एक एक्सपर्ट ने चेतावनी देते हुए चीतों की जान बचाने के लिए उपाय बताया है। साउथ अफ्रीका के वन्यजीव विशेषज्ञ विन्सेंट वैन डेर मर्व ने बताया, भारत में चीतों की जान बचाने के लिए दो-तीन जगहों पर बाड़ लगानी चाहिए। विन्सेंट ने कहा कि बगैर बाड़ वाले नेशनल पार्क में चीतों को बसाए जाने वाले प्रयास सफल नहीं हो पाते हैं।

बाड़ से वन विभाग चीतों पर कंट्रोल रख सकेगा और उन्हें बाहरी जानवरों से सुरक्षा भी मिलेगी। विन्सेंट ने आगे कहा कि भारत में विदेश से आए चीतों में अगले कुछ दिनों में और मौतें देखने को मिल सकती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि कूनों में चीतों का सामना तेंदुओं और बाघों से भी हो सकता है। ऐसे में विन्सेंट की यह चेतावनी कूनो नेशनल पार्क में मौजूद विदेशी चीतों के लिए एक खतरे की घंटी की तरह है। तीनों शावकों की मौत पर विन्सेंट ने शोक जताया और कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।

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