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Madhya Pradesh: आम-आदमी की जेब पर बढ़तें बिजली के दाम करेगें वार

Madhya Pradesh

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Madhya Pradesh: एमपी में बिजली उपभोक्ताओं को तगड़ा झटका लग सकता है। जैसे पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते उसी तरह से प्रदेश में बिजली के दामों में भी बढ़ोतरी आ सकती है। मध्य प्रदेश नियामक आयोग (Madhya Pradesh Electricity Regulatory Commission) ने आम सूचना जारी की है। आपको बता दें कि भारत सरकार ने राज्यों की बिजली स्पलाई करने वाली कंपनियों को खुद ही हर महीनें कर बढ़ाने का सुझाव दिया है। सूचना जारी होने से ये पुख्ता हो गया है।

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सरकार ने दिए टैरिफ के नियम में बदलाव के आदेश

भारत सरकार ने राज्यों के विद्युत नियामक आयोगों को टैरिफ निर्धारण के नियमों में बदलाव  करने के निर्देश दें दिए हैं। भारत सरकार के इस फैसले के बाद मध्य प्रदेश नियामक आयोग ने एक आम सूचना जारी की है। कि हर 3 महीनें में बढ़ने वाला फ्यूल कॉस्ट एडजस्टमेंट (ईंधन प्रभाव समायोजन) के फॉर्मूले में बदलाव करने की तैयारी की जा रही है। आयोग ने इस मुद्दे पर आम जनता से भी सुझाव मांगे हैं। विद्युत नियामक आयोग उन सुझावों पर जन सुनवाई भी करेगा।

जनता पर लगेगा नया सरचार्च

यदि फ्यूल कॉस्ट एडजस्टमेंट के फॉर्मूला में बदलाव किया जाता है। तो इसे नए स्तर पर ‘ईंधन एवं बिजली खरीदी समायोजन सरचार्ज’ नाम दिया जाएगा। इस तरीके से हर महा बिजली के दामों में बढ़ोतरी या बदलाव होगें। बिजली वितरण कंपनियों को इसके लिए आयोग की अनुमति लेना जरूरी नहीं होगा। बिजली कंपनियों केवल साल के अंत में विद्युत नियामक आयोग से इस बात का जांच कराएंगीं। अभी की बात करें तो एमपी में 34 पैसे प्रति यूनिट एफसीए लगाया जा रहा है। यदि कंपनियां इसे बढ़ाना चाहें तो उन्हें नियामक आयोग के समक्ष अपील करनी होती है और जब आयोग पूरी तरह से जांच-परख कर लेता है तभी एफसीए बढ़ाने की अनुमति देता है। लेकिन, अगर इस नए प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है तो बिजली कंपनियां मनमाने दाम बढ़ाने के लिए स्वतंत्र हो जाएगीं।

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