RSS प्रमुख को अनोखा पत्र, कहा- ‘अगर BJP सनातन को बढ़ावा देना चाहती है,तो 5% सीटों पर संतों को मौका दे’

देश की राजनीति वर्तमान समय में सनातन पर आ चुकी है। आज के समय में जहां भारतीय जनता पार्टी सनातन को बढ़ावा दे रही है। तो वहीं दूसरी और भाजपा के विपक्ष में खड़ी पार्टियां सनातन धर्म एवं संस्कृति को पूर्ण रूप से नष्ट करने पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। इसका एक उदाहरण एमके स्टालिन का दिया गया बयान है। ऐसे में उज्जैन के क्रांतिकारी संत डॉ. अवधेशपुरी महाराज ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ सरसंघचालक मोहन भागवत को एक पत्र लिखकर यह अनोखी मांग कर डाली है कि देश में सनातन धर्म की परिकल्पना तभी पूर्ण हो सकती है, जब देश में राष्ट्रवाद, धर्म विरोधी ताकतों को पराजित किया जा सके और यह तभी संभव है, जब भाजपा सनातन धर्म को बढ़ावा देने के साथ ही आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद व भाजपा का समर्थन देने वाले योग्य, अनुभवी व सक्रिय सन्तों को कम से कम पांच प्रतिशत धार्मिक सीटों से चुनाव मैदान में उतारे।
आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत को भेजे गए इस पत्र की प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, देश के गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी भेजी गई है। पत्र के बारे मे क्रांतिकारी संत डॉ. अवधेशपुरी महाराज ने बताया कि देश की राजनीति को अब राजधर्म बनाने की आवश्यकता है। भाजपा एक धार्मिक पार्टी है और संतों ने हमेशा भाजपा को न सिर्फ समर्थन दिया है बल्कि पार्टी के लिए प्रचार भी किया है। ऐसी स्थिति में अगर भाजपा अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहती है तो धार्मिक संतों को पार्टी की मूलधारा से जोड़ना चाहिए।
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