Gwalior: संत रविदास जयंती तो बहाना, मेन मकसद सियासत चमकाना
आज 5 फरवरी संत रविदास जयंती (Sant Ravidas Jayanti) के अवसर पर ग्वालियर (Gwalior) और भिंड़ (Bhind) में भाजपा और कांग्रेस दोनों बड़ा आयोजन करने वाली है। पहला अवसर होगा जब शिवराज और कमलनाथ ग्वालियर तो दिग्विजय और सिधिंया भिंड-मुरैना में मौजूद रहेंगे।
संत रविदास जयंती के बहाने भाजपा-कांग्रेस दलित समुदाय को साधने में जूट चुकी है। दोनों पार्टी की नजरें विधानसभा चुनाव पर टिकी हुई है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 5 फरवरी को राजकीय विमान से ग्वालियर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। वहीं से हैलीकॉप्टर द्वारा भिंड के लिये प्रस्थान करेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज भिंड के MJS ग्राउण्ड मैदान में कन्या पूजन, दीप प्रज्ज्वलन और संत रविदास के चित्र पर माल्यार्पण के साथ भाजपा की विकास यात्रा (Vikas Yatra) का शुभारंभ करेंगे।
ग्वालियर-चंबल पर क्यूं टिकी है सबकी नज़रे
बता दें कि ग्वालियर-चंबल में कुल 8 जिले आते हैं। इसमें विधानसभा की 34 सीटें हैं। 7 सीटें एससी के लिए आरक्षित है। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 34 में से कुल 26 सीटें जीती थीं। बीजेपी को केवल 7 सीटें ही मिल सकी थी। वही 1 सीट बसपा के खाते में गई थी। इस दौरान सिंधिया कांग्रेस के साथ थे, लेकिन सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद राजनीतिक परिस्थितियां बदल गई हैं।
2018 विधानसभा चुनाव में दलितों की नाराजगी के कारण कांग्रेस ने 26 सीटें जीती थी। 1985 के बाद 33 साल बाद ऐसा देखने को मिला था। प्रदेश में कमलनाथ (Kamalnath) के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार बनी थी.
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