Madhya Pradesh: पहले H3N2 मामले की पुष्टि, होम आइसोलेशन में मरीज

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मध्य प्रदेश में H3N2 इन्फ्लुएंजा के पहले मामले की पुष्टि हुई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार संक्रमण के लक्षण वाले 26 वर्षीय मरीज के स्वाब का सैंपल एम्स भोपाल भेजा गया है।

मरीज भोपाल का रहने वाला है और होम आइसोलेशन में है। भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ प्रभाकर तिवारी ने एच3एन2 के मामले की पुष्टि की। आपको बता दें कि मरीज की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है।

मौसमी इन्फ्लूएंजा एक संक्रमण है जो 4 अलग-अलग प्रकार के वायरस- इन्फ्लुएंजा ए, बी, सी और डी के कारण होता है। ये सभी ऑर्थोमेक्सोविरिडे परिवार से संबंधित है। इन प्रकारों में इन्फ्लुएंजा ए मनुष्यों के लिए सबसे आम रोगज़नक़ है।

विश्व स्तर पर, इन्फ्लूएंजा के मामले आमतौर पर साल के कुछ महीनों के दौरान बढ़ते देखे जाते हैं। भारत में आमतौर पर मौसमी इन्फ्लूएंजा के दो चरम होते हैं, एक जनवरी से मार्च तक और दूसरा मानसून के बाद के मौसम में।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, मौसमी इन्फ्लूएंजा से उत्पन्न होने वाले मामलों में मार्च के अंत से कमी आने की उम्मीद है। ज्यादातर मामलों में, खांसी और सर्दी, शरीर में दर्द और बुखार आदि के लक्षणों के साथ रोग स्वयं-सीमित होता है। ये आमतौर पर एक सप्ताह के भीतर ठीक हो जाता है।

हालांकि, संभावित रूप से उच्च जोखिम वाले समूह जैसे कि शिशु, छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं, 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग और सह-रुग्णता वाले लोग अधिक रोगसूचक बीमारियों का अनुभव कर सकते हैं, यहां तक ​​कि अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता भी हो सकती है।

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