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मध्यप्रदेश में ओलावृष्टि से कई जिलों में फसल तबाह

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मध्य प्रदेश में पिछले एक सप्ताह से तेज बारिश-आंधी और ओलावृष्टि का दौर जारी है। कई जिलों में रविवार को बेर के आकार के ओले गिरे हैं। ग्वालियर-चंबल संभाग, बुंदेलखंड, मालवा-निमाड़, महाकोशल और विंध्य क्षेत्र में जमकर ओलावृष्टि के साथ बारिश हुई।मंदसौर, डिंडौरी, खरगोन, रायसेन, आगर-मालवा, शिवपुरी, ग्वालियर के घाटीगांव में तो सड़कों पर ओले गिरने से बर्फ की चादर बिछ गई। इससे खेतों में खड़ी गेहूं, चना और सरसों की फसल बर्बाद हो गई। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार सोमवार को भी मौसम ऐसा ही रहने की संभावना है।

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मार्च के महीने में दो बार तेज बारिश, ओले और आंधी का सिस्टम बना है। मार्च के पहले ही सप्ताह में 25 से ज्यादा जिलों में फसलें तबाह हो गई थी। सरकार फसलों को हुए नुकसान का सर्वे भी करा रही है। पिछले एक सप्ताह से बिगड़े सिस्टम की वजह से गेहूं, चने और सरसों की फसलों पर असर पड़ा है। विभाग ने सोमवार को भी प्रदेश में आम तौर पर ऐसा ही मौसम रहने की संभावना व्यक्त की है। विभाग के अनुसार सोमवार को राजधानी भोपाल, इंदौर, जबलपुर और उज्जैन में मौसम बदला हुआ रहेगा। वहीं, ग्वालियर, चंबल, रीवा और सागर संभाग में गरज-चमक के साथ बिजली कड़कने और तेज बारिश की संभावना है। यहां तेज हवा चलेगी और बारिश भी हो सकती है। हवा की रफ्तार 70 किलोमीटर प्रतिघंटा तक रहने की संभावना है।

भोपाल में रविवार को दिनभर बादल छाए रहे। वहीं, देर शाम करीब 7:30 बजे तेज बारिश शुरू हो गई, जो करीब डेढ़ घंटे से ज्यादा समय तक चलती रही। इससे पहले शनिवार को भोपाल में जमकर ओलावृष्टि हुई थी और पानी भी गिरा था।

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