इलाज के दौरान चीते की मौत, बीमारी की वजह से उदय ने तोड़ा दम

मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत हो गई है। जिस चीते की मौत हुई है, उसका नाम उदय है। कूनो में नर चीते उदय की मौत के बाद चीतों की संख्या घटकर 18 रह गई है। एक महीने के भीतर में दूसरे चीते की मौत से कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन सदमे में है।
नर चीते उदय की मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद मौत की वजह का पता लगेगा। आपको बता दें कि चीता इंडिया प्रोजेक्ट के तहत 20 चीते भारत लाए गए थे। सबसे पहले नामीबिया से 8 चीते भारत लाए गए। दूसरी बार में 12 चीते दक्षिण अफ्रीका से लाए गए। उदय को दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था।
चीते की मौत की वजह बीमारी बताई जा रही है। वह बीते दिन सुबह से ही बाड़े में सुस्त पड़ा रहा। जानकारी के मुताबिक, डॉक्टर्स का इलाज भी किया लेकिन उसको बचाया नहीं जा सका। कूनो नेशनल पार्क की तरफ से सामने आई जानकारी के मुताबिक चीता उदय आज सुबह करीब 9 बजे सिर झुकाए हुए सुस्त बैठा था।
जब उसके करीब जाया गया तो वह लड़खड़ाकर और गर्दन झुकाकर चल रहा था। जबकि प्रोटोकाल के मुताबिक प्रतिदिन सुबह-शाम की निगरानी के दौरान एक दिन पहले वह पूरी तरह से स्वस्थ था। लेकिन बीते दिन उसकी हालत ठीक नहीं थी, जिसके कारण उसकी मौत हो गई।
चीता प्रोजेक्ट इंडिया (cheetah Project India) के प्रमुख एसपी यादव के मुताबिक चीतों को दक्षिण अफ्रीका से समझौते के तहत भारत लाया गया था। कूनो नेशनल पार्क में लाए जाने के बाद चीतों का एक महीने तक क्वारंटीन किया गया था। कूनो नेशनल पार्क में चीतों को छोड़े जाने के मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया मौजूद थे। नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को पीएम मोदी ने अपने जन्मदिन पर 17 सितंबर, 2022 को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था।
पिछले महीने हुई थी एक चीते की मौत
इससे पहले पिछले महीने भी एक चीते की मौत हुई थी। यहां नामीबिया से लाई गई मादा चीता की मौत हो गई थी। 5 साल की साशा किडनी संक्रमण से पीड़ित थी। बताया गया कि भारत की धरती पर आने से पहले किडनी की बीमारी से जूझ रही थी और नामीबिया में उसका ऑपरेशन भी हो चुका था, लेकिन यह बात छिपाई गई थी।
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