Advertisement

Jharkhand news: 20 सालों से खाना नहीं खाया, ऐसे रहा युवक जिंदा

Share
Advertisement

झारखंड में 19 वर्षीय रहम-उल-अंसारी जन्म से ही टेम्पोरोमैंडिबुलर जॉइंट एंकिलोसिस नामक गभीर बीमारी से ग्रसित था। युवक ने जन्म से लेकर अब तक मुंह खोलने में पूरी तरह से असमर्थ था, वह सिर्फ और सिर्फ पेय पदार्थ पर जीवित था, लेकिन डॉक्टरों ने युवक की सर्जरी कर उसे नया जीवन दिया है। जहां पहले वह 20 सालों में कुछ भी खाने में असमर्थ था। अब वह आराम से सब कुछ खा सकता है।

Advertisement

खाने खाने में ही नहीं बल्कि, बोलने में भी उसे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। साथ ही रहम-उल का चेहरा भी विकृत हो गया था। इलाज को लेकर मरीज के परिजन कई दिनों तक अस्पतालों के चक्कर काटते रहे, लेकिन बीमारी की गंभीरता और सर्जरी की जटिलता को देखते हुए मरीज का इलाज नहीं हो पाया था, बीते गुरूवार को हेल्थ पॉइंट हॉस्पिटल में रहम-उल की सर्जरी हुई है। 20 साल के बाद मरीज ने अपना मुंह खोल पाने में सक्षम हुआ है।

टेम्पोरोमंडिबुलर जॉइंट ऐंकलोसिस की सर्जरी जटिल होती है


इस मामले में रहम-उल की सर्जरी करने वाले डॉ. अनुज ने बताया की टेम्पोरोमंडिबुलर जॉइंट ऐंकलोसिस की न सिर्फ सर्जरी जटिल होती है। बल्कि ऐसे मामलों में मुंह बंद होने के कारण एनेस्थीसिया देना भी काफी मुश्किल का काम होता है। डॉ. अनुज ने बताया की ऐंकलोसिस के कारण मरीज का नीचे का जबड़ा दोनों तरफ उसकी खोपड़ी के हड्डी से पूरी तरह से जुड़ी हुई थी।

5 घंटे तक ऑपरेशन चला


ऐसी बीमारियों की वजह से अभिशप्त जीवन व्यतीत कर रहे हैं। वहीं, एनेंस्थटिस्ट डॉ. ओम प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया- इस मरीज के लिए विशेष तौर पर फाइबर ऑप्टिक लैरिंगोस्कोप मंगवाया गया, जिसके बाद मरीज को एनेस्थीसिया दिया गया। करीब 5 घंटे तक चले इस ऑपरेशन में नीचे के जबड़े को दोनों तरफ खोपड़ी की हड्डी से अलग किया गया और उसके पश्चात चेहरे की विकृति को भी ठीक किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *