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मुख्यमंत्री का ऐलान- किसानों को राइस मिलों की मिलेगी सौगात, 29 दिसम्बर को रखी जाएगी आधारशिला

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झारखंड: ग्रामीण व्यवस्था की मजबूती सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है । इसी वजह से ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले गरीबों, जरूरतमंदों, आदिवासियों, अनुसूचित जाति, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों , महिलाओं, बुजुर्गों और नौजवानों समेत समाज के सभी वर्ग और तबके को केंद्र में रखकर पूरे होमवर्क के साथ कार्य योजनाएं बनाकर उसे धरातल पर उतारने का काम किया जा रहा है। ये योजनाएं ग्रामीणों की दशा और दिशा को तय करेंगी। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मेदिनीनगर में “आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार” के अंतर्गत पलामू प्रमंडल स्तरीय मेगा परिसंपत्ति वितरण समारोह में कही। उन्होंने कहा कि यहां के लोगों को मान सम्मान और स्वाभिमान के साथ जीविकोपार्जन का अवसर दे रहे हैं । क्योंकि, इसी की बदौलत राज्य में विकास को गति मिलेगी।

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आप सभी की सहभागिता और सहयोग से ही योजनाएं सफल होंगी

सीएम ने कहा कि झारखंड में कई ऐसे जटिल इलाके हैं , जहां पदाधिकारी जाते ही नहीं है। ऐसे में वहां सरकार की योजनाएं कैसे पहुंचेगी यह सहज ही समझा जा सकता है । वहीं, सुदूर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रखंड अथवा जिला मुख्यालय आना पड़ता है । लेकिन, यहां काम कराने में कई कठिनाइयां पैदा होती है। अगर एक -दो प्रयास में भी उनके कार्य नहीं होते हैं तो फिर वे योजनाओं से जुड़ने की बात सोचना छोड़ देते हैं। इसी को ध्यान में रखकर “आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम शुरू किया गया है । इस कार्यक्रम के माध्यम से आपको योजनाओं की जानकारी देने के साथ योजनाओं से जोड़ा भी जा रहा है । इसके लिए सरकार आपके द्वार पर आ रही है। आपसे आग्रह है कि आप अपना सहयोग और सहभागिता सुनिश्चित करें ।

कार्यक्रम को मिल रही व्यापक सफलता

मुख्यमंत्री ने कहा कि “आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम के तहत पंचायतों में आयोजित हो रहे शिविरों में जिस तरह लोग आ रहे हैं, वह यह बताने के लिए काफी है कि पूरे राज्य में यह कार्यक्रम बेहद सफल हो रहा है। उन्होंने कहा कि पलामू प्रमंडल में लगभग डेढ़ लाख शिकायतें मिल चुकी है । इसमे लगभग 1.30 लाख समस्याओं का निष्पादन किया जा चुका है ।

ग्रामीणों का खेत -खलिहान और पशुधन ही उनकी पूंजी है

CM ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के पास ना घर में और ना ही बैंक में पैसा होता है। उनका खेत- खलिहान और पशुधन उनकी पूंजी है। इसी वजह से सरकार किसानों और पशुपालकों के लिए कई योजनाएं शुरू की है, ताकि उनकी आय में बढ़ोतरी और ग्रामीण इलाकों में समृद्धि आ सके।

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