Deputy CM Press Conference: बिहार के उप मुख्यमंत्री ने एक बार फिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार से मांग से आक्षरण के दायरे को संविधान की नौवीं अनुसूची में डाला जाए, जिससे कोई कानूनी पेंच न फंसे।
पत्रकार वार्ता के दौरान तेजस्वी यादव ने कहा हमने निर्णय लिया कि प्रदेश सरकार खुद जातीय आधारित गणना कराएगी। कई चुनौतियों के बाद यह गणना पूरी हो गई। अब बिहार पहला राज्य है जिसके पास प्रदेश की जाति के सांइटिफिक आंकड़े हैं।
वहीं तेजस्वी ने केंद्र पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा हम केंद्र के पास जातीय आधारित गणना के लिए केंद्र सरकार के पास गए थे। वहां से कोई मदद नहीं मिली। इसके बाद हमने (प्रदेश सरकार) स्वयं ही यह गणना करवाई।
उन्होंने कहा, आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए आरक्षण का दायरा बढ़ाया गया है। इस पर सभी दलों की सहमति थी। प्रदेश में बीजेपी ने भी इसका समर्थन किया। केंद्र यही ध्यान में रखे कि उनके दल ने भी समर्थन दिया है। हमारी मांग माने। हमारी मांग के कि आरक्षण के बढ़े दायरे को संविधान की नौवीं अनुसूची में डाला जाए जिससे इस पर कोई कानूनी पेंच न फंसे।
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य के दर्जे पर केंद्र सरकार का क्या फैसला है। लोगों को बताना चाहिए। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या राज्य के उत्थान की जिम्मेदारी केवल प्रदेश सरकार की ही है। चुनाव के समय प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी, बिहार को विशेष पैकेज या विशेष राज्य का दर्जा देंगे। चलिए विशेष पैकेज ही दीजिए। उसमें कहां क्या दिक्कत है।
संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा, हमको 90-10 अनुपात का रेशियो चाहिए। जो विशेष राज्य के दर्जे के अंतर्गत आता है। विशेष राज्य के दर्जे का फायदा चाहिए बस। यदि विशेष राज्य के दर्जे का प्रवाधान खत्म हो गया है तो नीति आयोग के मेंडेट में विशेष सहायता का प्रावधान है। वह दे दीजिए।
उन्होंने एक योजना का जिक्र करते हुए कहा कि उस योजना के मद में केंद्र से 400 करोड़ रुपये मिले वहीं बिहार को उस मद में 800 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। इसमें परेशानी यह है कि योजना उनकी, नाम उनका, इस योजना को अपनी उपलब्धि में गिनाएंगे वो और दो तिहाई हिस्सा देंगे हम। इससे बड़ा आर्थिक अन्याय क्या है।
उन्होंने कहा, सरकार के दो महत्वपूर्ण फैसलों को जनता के बीच भेजना है। पहला सीएन नीतीश कुमार के नेतृव में पिछले 13 सालों से सरकार विशेष राज्य के दर्जे की मांग केंद्र सरकार से कर रहे हैं। दूसरा जातीय गणना कराके बिहार ने इतिहास रचा है, इस गणना के माध्यम से राज्य के हर वर्ग का डाटा सरकार के पास है। इस आंकड़े के माध्यम से लोगों को सरकार सहायता प्रदान करेगी।
वह बोले, किसी भी वर्ग के लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकलना है, इस दिशा में सरकार काम कर रही है। सरकार इसके लिए ढाई लाख करोड़ रुपये खर्च करके काम करेगी। हर साल 50 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके लिए हम लोग केंद्र सरकार से विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते हैं।
रिपोर्टः सुजीत श्रीवास्तव, ब्यूरोचीफ, बिहार
ये भी पढ़ें: गिरिराज सिंह ने CM नीतीश को लिखी चिट्ठी, ‘UP की तरह बिहार में बैन हों हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट्स’
Tejashwi in yogipur: चुनाव प्रचार के अंतिम दिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव नालंदा पहुंचे। जहां …
Election campaign: कैमूर जिले की बक्सर लोकसभा क्षेत्र के रामगढ़ में एनडीए प्रत्याशी मिथलेश तिवारी…
Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंजाब के आनंदपुर साहिब…
Ayodhya: पांडिचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी अपनी मां की बरसी के मौके पर रामलला के…
Sunny Deol : ग़दर 2 एक्टर सनी देओल के ऊपर प्रोडूसर सौरव गुप्ता ने धोखाधड़ी…
Floods in Manipur: मणिपुर की इंफाल घाटी में भारी बारिश ने तबाही मचाई है, घाटी…
This website uses cookies.