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सिर्फ 17.50 रुपये से आप बचा सकते हैं मासूम बच्चे की जान, बढ़ाइए मदद का हाथ

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किसी भी मां-बाप के लिये अपनी आंखों के सामने अपने कलेजे के टुकड़े को धीरे-धीरे काल के गाल में समाते देखना दुनिया का सबसे बड़ा दर्द होता है। एक मां-बाप के लिए भला इससे ज्यादा बुरा और क्या हो सकता है? आज हम आपको बता रहे हैं एक ऐसे बच्चे की कहानी जो शायद कुछ समय बाद इस दुनिया में जीवित न रह पाये। लेकिन अगर हम और आप चाहें तो उस बच्चे को दोबारा जिंदगी दे सकते हैं।

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दरअसल कनव नाम के बच्चे को एक बहुत ही गम्भीर और असमान्य बीमारी है जिसका इलाज़ किसी गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार के लिए बेहद मुश्किल है। 17.5 करोड़ का इंजेक्शन उस बच्चे की जान तो बचा सकता है पर उसके मां-बाप अपने आपको और अपना सब कुछ बेचकर भी इतनी बड़ी रकम नहीं जुटा सकते। इसीलिए विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मो ने, कई NGO ने, कई सेलेब्रिटी ने और कई राजनेताओं ने अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार उसे बच्चे की जान बचाने और पीड़ित मां-बाप की मदद करने का प्रयास किया है, साथ ही देशवासियों से अपील की है कि आइए हाथ बढ़ाइए, मासूम कनव की जान बचाइए।     

आदमी पार्टी राज्य सभा सांसद संजय सिंह आप कनव के लिये डोनेशन मांगते हुए

अब जरुरत है हमारे आपके साथ आने की ताकि किसी परिवार का चिराग न बुझने पाये। अभी हाल ही में हमने एक वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। हम  दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाले देश बन गये हैं, सबसे ज्यादा जनसंख्या देश के भले में हो न हो क्या इस बच्चे को जीवन देकर हम अपने होने की सार्थकता सिद्ध नहीं कर सकते।

हम इतनी बड़ी जनसंख्या 140 करोड़ लोगो में से  क्या केवल 1 करोड़ भी साथ मिलकर कनव की जान नहीं बचा सकते? अगर सिर्फ 1 करोड़ लोग ही आगे आ जाएं तो हर शख्स सिर्फ 17.50 रुपये दान देकर मासूम कनव को दूसरा जीवन दे सकते हैं।

कनव व कनव के पिता

11 फरवरी 2022 को कनव का जन्म एक सामान्य बच्चे की तरह ही हुआ, हर मां-बाप की तरह कनव के माता-पिता भी अपने नौनिहाल को लेकर हजारों सपने संजोते हैं, लेकिन नियति को तो कुछ और ही मंजूर होता है। जन्म के 7 महीने बाद जब कनव के पैर में कुछ तकलीफ होती है तो उसके पिता उसे दिल्ली के सर गंगा राम हॉस्पिटल में दिखाते है और जब सच्चाई सामने आती है तो उनके सारे सपने चकनाचूर हो जाते है, उनके पैरों तले जमीन खिसक जाती है।

दरअसल कनव में एक जेनेटिक डिसआर्डर के बारे में पता चलता है जिसका नाम स्पाइल मसकुलर एट्राफी है जो एक बहुत ही असामान्य बीमारी है और इसका इलाज़ केवल यू0एस0 की कम्पनी नोवोल्टिज़ के पास है यह एक जीन थेरेपी है जिसे जाल्गें स्मा कहा जाता है इसमें 17.5 करोड़ का एक इजेक्शन लगता है जिससे यह बीमारी फिर कभी लौट कर नहीं आती।  दिक्कत केवल यहां पर ये है कि ये इलाज़ केवल बच्चे की 2 साल की उम्र तक ही संभव है इसके बाद कुछ नहीं किया जा सकता ।

सर गंगा राम हास्पिटल दिल्ली की रिपोर्ट    

 कुछ फेमस सेलेब्रिटी कनव के लिए डोनेशन मांगते हुये

हमें पूरा विश्वास है कि एक पिता की भावुक अपील और हिन्दी ख़बर परिवार का छोटा सा प्रयास जरुर इस बच्चे को जीवन देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। आप नीचे दी गई जानकारी के माध्यम से कनव के इलाज के लिए पैसों का दान दे सकते हैं।

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