Delhi Hospitals के ऑक्सीजन टैंकों में लगाए जा रहे टेलीमेट्री डिवाइस, जानें क्यों है इसकी जरूरत?

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) के निर्देश पर दिल्ली के सरकारी और निजी अस्पतालों के सभी ऑक्सीजन टैंकों में टेलीमेट्री डिवाइस (telemetry device) लगाए जा रहे हैं। दिल्ली के 53 बड़े निज़ी और सभी सरकारी अस्पतालों (government hospitals) के ऑक्सीजन टैंकों में टेलीमेट्री डिवाइस लगाए जाएंगे। इससे ऑक्सीजन की रियट-टाइम मॉनिटरिंग हो सकेगी और आपदा के वक़्त ज़रूरत के अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति करने में मदद मिलेगी। वॉर रूम से इसकी लाइव मॉनिटरिंग की जाएगी, ताकि वक़्त रहते ऑक्सीजन का इंतजाम किया जा सके।
दिल्ली के अस्पतालों में रियल-टाइम मॉनिटरिंग के लिए केजरीवाल सरकार ने जारी किया एक्शन प्लान
कोरोना की पिछली लहर में यह देखा गया कि देश भर में अचानक से अस्पतालों में ऑक्सीजन की क़िल्लत होने लगी और कई अस्पतालों ने अपने यहाँ ऑक्सीजन ख़त्म होने का आपातकालीन अलार्म बजाना शुरू किया। सरकार के लिए यह सुनिश्चित करना मुश्किल हो रहा था कि किस अस्पताल को पहले ऑक्सीजन पहुंचाई जाए और कौन से अस्पताल को इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है। उस समय केंद्र सरकार द्वारा ऑक्सीजन के आवंटन की प्रक्रिया को नियंत्रित किया जा रहा था, जिस कारण सभी राज्यों के लिए ऑक्सीजन का इंतजाम कर पाना बहुत मुश्किल हो गया था। ऐसे समय में भी केजरीवाल सरकार ने कोरोना जैसी आपदा को काबू करने के लिए जो कदम उठाए, वो देश के लिए एक मिसाल है।
दिल्ली के 53 बड़े निज़ी और सभी सरकारी अस्पतालों के ऑक्सीजन टैंकों में लगाए जा रहे टेलीमेट्री डिवाइस
इसी सिलसिले को जारी रखते हुए दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन की आपूर्ति की समीक्षा करते हुए और कोविड की तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है कि वह दिल्ली के सभी निजी और सरकारी अस्पतालों में मौजूद लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंको में टेलीमेट्री डिवाइस लगाए जा रहे हैं। इससे यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि किस अस्पताल में कितनी मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध है, ताकि आपातकालीन स्थिति में समय रहते उस अस्पताल तक ऑक्सीजन पहुंचाया जा सके।
क्या होता है टेलीमेट्री डिवाइस और एलएमओ (लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन) टैंकों में इसकी क्या है जरूरत?
एलएमओ यानी की लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन कुछ और नहीं, बल्कि उच्च शुद्धता वाली ऑक्सीजन है, जिसका उपयोग चिकित्सा उपचार के लिए किया जाता है। गंभीर कोविड -19 के मरीजों के इलाज के लिए ऑक्सीजन महत्वपूर्ण है, क्योंकि कोरोना वायरस फेफड़ों की कार्य प्रणाली को प्रभावित करता है और धीरे-धीरे फेफड़े बाहर से ऑक्सीजन लेने में असक्षम हो जाते हैं ऐसे में मरीज़ को ऑक्सीजन थेरेपी की जरूरत पड़ती है, जिसकी आपूर्ति एलएमओ टैंकों में रखे मेडिकल ऑक्सीजन के जरिए की जाती है। यह मेडिकल ऑक्सीजन अस्पतालों के बाहर बड़े टैंकरों में रखे जाते हैं और ज़रूरत पड़ने पर पाइप लाइन के जरिए या फिर ऑक्सीजन सिलेंडर के माध्यम से मरीजों तक पहुंचाए जाते हैं।
ऑक्सीजन टैंकों में टेलीमेट्री डिवाइस लगने से ऑक्सीजन की हो सकेगी रियल-टाइम मॉनिटरिंग
केजरीवाल सरकार ने तय किया है कि वह दिल्ली के 53 बड़े अस्पतालों में लगे कुल 100 लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक, जिनकी कुल क्षमता 845.92 मीट्रिक टन है, उनमे रिमोट टेलीमेट्री डिवाइस लगाएगी, ताकि अस्पतालों में उपलब्ध ऑक्सीजन की रियल-टाइम मॉनिटरिंग की जा सके।
वॉर रूम से की जाएगी ऑक्सीजन की लाइव मॉनिटरिंग, वक़्त रहते हो सकेगा ऑक्सीजन का इंतजाम
दिल्ली सरकार ने समय रहते अस्पतालों में ऑक्सीजन लिक्विड मेडिकल ऑक्सिजन टैंको में टेलीमेट्री डिवाइस लगाने का काम शुरू कर दिया है, ताकि आपदा के दौरान दिल्ली ऑक्सीजन की कमी से न जूझे। दिल्ली सरकार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के मार्ग दर्शन में कोरोना के विरुद्ध लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है। स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि महामारी के वक़्त लोगो की ज़िंदगियाँ बचाने के लिए हर संभव संसाधन उपलब्ध हो।