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खोरी गांव मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार, आवेदन की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर तक

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नई दिल्ली: हरियाणा के फरीदाबाद के खोरी गांव में फरीदाबाद नगर निगम द्वारा वन क्षेत्रों को हटाने के बाद बेदखल किए गए झुग्गी निवासियों के पुनर्वास की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। फरीदाबाद नगर निगम (एफएमसी) ने हरियाणा के फरीदाबाद में खोरी गांव झुग्गियों के विध्वंस से प्रभावित व्यक्तियों के पुनर्वास के लिए उच्चतम न्यायालय के समक्ष एक आवास नीति प्रस्तुत की थी। फरीदाबाद नगर निगम ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि वह 30 अप्रैल 2022 तक खोरी गांव विध्वंस के संबंध में पुनर्वास की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए सभी प्रयास करेगा, जिसमें पात्र आवेदकों को फ्लैटों का कब्जा सौंपना भी शामिल है।

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10,000 घरों का विध्वंस

खोरी गांव में फरीदाबाद के नगर निगम द्वारा 10,000 घरों के विध्वंस के संबंध में शीर्ष अदालत के समक्ष हलफनामा दायर किया गया है। सीनियर अधिवक्ता आत्माराम नाडकर्णी ने कहा, हमने अनंतपुर के ग्रामीणों की ओर से एक रिट दायर की है, जिन्हें भी विध्वंस की धमकी का सामना करना पड़ रहा है और हम मामले की सूची चाहते हैं।

अंतिम तिथि 15 अक्टूबर

वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण भारद्वाज ने कहा, ‘हमारा नेतृत्व एएसजी ऐश्वर्या भाटी कर रहे हैं, जहां हमने पुनर्वास के लिए समय दिया है’। एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कहा, कृपया हलफनामे का पैराग्राफ 8 देखें, कृपया वहां तालिका देखें। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर, स्क्रूटनी 25 अक्टूबर तक खत्म हो जाएगी।एएसजी  ने आगे कहा, ’27 अक्टूबर पात्र सूची प्रकाशन की तिथि है, हम आवंटियों को पजेशन तक 2,000 का किराया देंगे, फ्लैटों की सुपुर्दगी 30 अप्रैल, 2022 तक होगी। फ्लैट का रखरखाव एक एजेंसी द्वारा किया जाएगा’

सुप्रीम कोर्ट ने  एएसजी ऐश्वर्या भाटी  को टोकते हुए कहा, हैंडओवर फ्लैट्स 2022 है?  हमें जो बताया गया वह अलग था ताकि विस्थापित लोगों का बाहर रहना कम से कम हो। आवंटन पत्र उनके उद्देश्य की पूर्ति नहीं कर रहा है। उन्हें तत्काल आवास मिलना चाहिए। अप्रैल 2022 बहुत लंबी अवधि है। हम इसमें नहीं पड़ना चाहते हैं, हमें बताया गया था कि संरचना तैयार है और अब आप फ्लैटों का कब्जा देने के लिए समय चाहते हैं। यह अंतिम निर्णय और लॉट के अंतिम ड्रा के अधीन हो सकता है। हमारा सुझाव है कि जब भी आवेदन किया जाए, अनंतिम जांच की जाए और आवंटन इस आधार पर किया जा सकता है कि आवंटन किया गया है और अंतिम आवंटन और लॉट के अंतिम ड्रा के अधीन है। मरम्मत कार्य लोगों की सुरक्षा से समझौता नहीं करना चाहिए।

न्यायमूर्ति खानविलकर की टिप्पणी

न्यायमूर्ति खानविलकर ने एएसजी ऐश्वर्या भाटी से कहा, यदि आपके पास पहले से ही कोई समस्या उपलब्ध हो तो तत्काल समस्या का समाधान किया जा सकता है। तो हमें बताएं कि इसे ठीक करने की समय सीमा क्या है? एक सप्ताह में पूरी जांच कर प्रोविजनल लेटर दिया जा सकता है ताकि उन्हें (विस्थापित) कुछ आवास उपलब्ध कराया जा सके’।

कोर्ट ने आगे कहा, संबंधित आवेदक को दिया जाने वाला 2,000 का किराया अनंतिम आवास प्रदान किए जाने के बाद बंद हो जाएगा। अगले सोमवार, दोपहर 2 बजे मामले की सूची बनाएं। सोमवार को अनंतपुर के ग्रामीणों की याचिका को भी सूचीबद्ध करें।

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