Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अपने नियमों में संशोधन करने की बात कही। ताकि आपराधिक अपीलों में ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड की इलेक्ट्रॉनिक प्रतियों को भौतिक रूप में पेश करने की बजाय उन्हें इलेक्ट्रॉनिक रूप में पेश करने की अनुमति दी जा सके। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति संजय करोल की बेंच ने कहा कि इस कदम से शीर्ष अदालत के पास ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड की त्वरित उपलब्धता की सुविधा होगी और यह पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूक दृष्टिकोण होगा।
शीर्ष अदालत की पीठ ने सुझाव दिया है कि परिवर्तन को प्रभावी बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट नियम, 2013 के आदेश XX के नियम 5 के उप-नियम 2 और 3 में संशोधन किया जाए। यह नियम वर्तमान में आजीवन कारावास या मृत्युदंड की सजा से संबंधित आपराधिक अपीलों में मूल ट्रायल कोर्ट रिकॉर्ड की भौतिक प्रतियों के उत्पादन की मांग करते हैं।
कोर्ट ने अपने टिप्पणी में कहा ‘मूल रिकॉर्ड’ शब्द से पहले ‘सॉफ्ट कॉपी’ शब्द डालने के लिए उप-नियम 3 में संशोधन किया जाए, जिसके परिणामस्वरूप मूल रिकॉर्ड की ई-प्रतियों की मांग की जाएगी। इससे अदालत को ऐसे रिकॉर्ड की बहुत तेजी से उपलब्धता की सुविधा मिलेगी और पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूक दृष्टिकोण भी आगे बढ़ेगा।
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