JNU Protest: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन पर प्रतिबंध की बात को लेकर एक अधिकारी ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि कैंपस में विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है बल्कि प्रदर्शन के लिए विशिष्ट स्थानों को चिन्हित किया गया है। बता दें कि संस्थान को अपनी कैंपस के अंदर धरना देने के खिलाफ उठाए गए अन्य कदमों के चलते आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने संशोधित चीफ प्रॉक्टर ऑफिस (सीपीओ) नियमावली में कहा है कि संस्थान की शैक्षणिक इमारतों के 100 मीटर के दायरे में दीवार पर पोस्टर लगाने और धरना देने पर 20,000 रुपये तक का जुर्माना या निष्कासन हो सकता है। किसी भी “राष्ट्र-विरोधी” कृत्य पर ₹10,000 का जुर्माना लगेगा।
जेएनयू के अधिकारी ने बताया कि कैंपस में विरोध प्रदर्शन करने पर ₹20,000 का जुर्माना एक पुराना नियम है और यह कोई नया नियम नहीं है, जिसे पिछले महीने विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने सर्वसम्मति से मंजूरी दी थी। अधिकारी ने बताया, “हमने कुछ भी नहीं बदला है। ये नियम पहले से ही मौजूद थे। हमने यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ अन्य नियम पेश किए हैं कि शैक्षणिक प्रक्रिया में कोई व्यवधान न हो। छात्रों के पास अभी भी निर्दिष्ट स्थानों पर विरोध करने का लोकतांत्रिक अधिकार है।”
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